आईडब्ल्यूपी फेलोज़ 2025

आईडब्ल्यूपी फेलोज़ 2025

नीतू सिंह
नीतू सिंह
फेलो - हिंदी
नीतू सिंह एक स्वतंत्र पत्रकार हैं और वे ग्रामीण विषयों पर रिपोर्टिंग में विशेषज्ञता रखती हैं। समानता और न्याय जैसे मूल्यों पर आधारित उनका काम महिला सशक्तिकरण, लैंगिक हिंसा और वंचित समुदायों पर केंद्रित रहा है। अपने काम के लिए उन्हें कई प्रतिष्ठित सम्मान भी मिले हैं, जिनमें लाडली मीडिया पुरस्कार, चामेली देवी जैन पुरस्कार, प्रियांका दहले पुरस्कार, और जर्नलिज्म फ़ॉर पीस अवॉर्ड आदि शामिल हैं। वे ज़मीनी मीडिया प्लेटफ़ॉर्म शेड्स ऑफ रूरल इंडिया की संस्थापक हैं, जिसके ज़रिए वे भारत के कई राज्यों से ग्रामीण आवाज़ों को सामने लाने का प्रयास कर रही हैं। इंडिया वॉटर पोर्टल फेलोशिप के माध्यम से नीतू अपनी कहानियों में भारतीय जल परिदृश्य की गहरी समझ को शामिल करना चाहती हैं, ताकि वे दिखा सकें कि जल संकट किस तरह ग्रामीण महिलाओं और वंचित समुदायों के रोज़मर्रा जीवन को प्रभावित करता है।
बृजेंद्र दुबे
बृजेंद्र दुबे
फेलो - हिंदी
बृजेंद्र दुबे उत्तर प्रदेश के मिर्ज़ापुर ज़िले के आदिवासी क्षेत्र मड़िहान के निवासी हैं। वे सात वर्षों से पत्रकारिता कर रहे हैं। उन्होंने मुख्य रूप से ग्रामीण मुद्दों, राजनीति, पर्यावरण और पानी जैसे विषयों पर लिखा है। वे गाँव कनेक्शन और न्यूज़ ट्रैक जैसे संस्थानों के साथ काम कर चुके हैं। इंडिया वॉटर पोर्टल फेलोशिप के माध्यम से वे अपने क्षेत्र के अलावा अन्य हिंदी भाषी इलाकों में जल से जुड़े विषयों की पड़ताल करना चाहते हैं, ताकि वे कहानियाँ सामने आ सकें जो अक्सर अनसुनी रह जाती हैं।
वाहिद भट
वाहिद भट
फेलो - हिंदी
वाहिद भट पत्रकार हैं और वे जम्मू-कश्मीर के निवासी हैं। वे जलवायु परिवर्तन, पानी, खनन, जंगल, प्रदूषण और वन्यजीवों जैसे पर्यावरण संबंधित विषयों पर कहानियां कहते हैं। उन्होंने ऐसे मीडिया प्रोजेक्ट्स पर भी काम किया है जहां उन्होंने जलवायु व पर्यावरण से जुड़ी गलत सूचनाओं के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए रचनात्मक तरीके अपनाए। जब उन्होंने लोगों के जीवन पर सूखे, बाढ़ और गिरते भूजल स्तर का असर देखा, तो उन्हें पानी की कहानियां कहने की ज़रूरत महसूस हुई। इंडिया वाटर पोर्टल फैलो के रूप में वे समझना चाहते हैं कि विभिन्न समुदाय जल संकट का सामना कैसे कर रहे हैं, ताकि उनकी कहानियों को सामने लाया जा सके। वाहिद की कहानियां अर्थ जर्नलिज़्म, स्क्रॉल.इन, इंडिया स्पेंड और ग्राउंड रिपोर्ट.इन आदि पर प्रकाशित हो चुकी हैं। उन्हें पत्रकारिता के लिए पुरस्कार और रिपोर्टिंग ग्रांट्स भी मिले हैं।
वंशिका सिंह
वंशिका सिंह
फेलो - हिंदी
वंशिका सिंह एक रिसर्चर और लेखिका हैं, जिनका काम हैदराबाद के निम्न आयवर्ग वाले इलाकों में युवाओं में जोखिम लेने की प्रवृत्ति और आकांक्षाओं पर आधारित है। जब वे शहर में जल आपूर्ति सुनिश्चित करने वाले कर्मचारियों और श्रमिकों के श्रम का दस्तावेजीकरण कर रही थीं, तब पानी की कहानियों में उनकी रुचि बढ़ी। इसने उन्हें मानव शरीर पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव, अनियमित मानसून के कारण बढ़ती बीमारियों और जल आपूर्ति संरचना की मरम्मत में लगने वाले श्रम आदि की कहानियां कहने को प्रेरित किया। हालांकि, उनका काम शहरों पर केंद्रित रहा पर जब उनके माता-पिता ने सेवा-निवृत्ति के बाद जैविक खेती शुरू की, तो भूजल में बदलाव को समझने के प्रयास में पानी पर उनकी समझ गहरी होने लगी। पानी की दुनिया के इस बिखराव को वे गुनगुनाते, पसंदीदा संगीत की प्लेलिस्ट बनाते और मुक्त छंद लिखते हुए समेटने का प्रयास करती हैं।
थॉमस मैल्सम
थॉमस मैल्सम
फेलो - हिंदी
थॉमस मैल्सम एक लेखक, कहानीकार और पीएचडी स्कॉलर हैं, जिनका काम उत्तरपूर्व भारत में पानी, पारिस्थितिकी और यहां के मूल निवासी आदिवासी समुदायों के परस्पर संबंधों पर केंद्रित है। उन्होंने त्रिपुरा में पनबिजली के लिए बनाए गए बांधों के सामाजिक-आर्थिक प्रभावों, जल प्रबंधन के पारंपरिक तरीकों और बाढ़ जैसे विषयों पर शोध किया है। इन विषयों पर प्रकाशित उनकी कहानियों में उन समुदायों और लोगों की आवाज़ को केंद्र में रखा गया है जो अकसर मुख्यधारा से दूर रह जाते हैं। इंडिया वाटर पोर्टल फैलोशिप के माध्यम से अपने काम को और गहराई देते हुए, ग्राउंड रिपोर्टिंग और रचनात्मकता के मेल से वे पानी को सिर्फ़ एक संसाधन की तरह नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक, पारिस्थितिक और राजनीतिक जीवनधारा के रूप में रेखांकित करना चाहते हैं।
India Water Portal - Hindi
hindi.indiawaterportal.org