कॉलेज के छात्रों ने तैयार की पानी से दौड़ने वाली ‘इंडियन वाटर ट्रेन’
उत्तर प्रदेश के बरेली के इस्लामिया गर्ल्स इंटर कॉलेज में कैंटीन संचालक के पुत्र गोपाल और इसी कॉलेज की तीन पूर्व छात्राओं ने मिलकर पानी से दौड़ने वाली ‘इंडियन वाटर ट्रेन’ बनाई है। पांच साल की मेहनत के बाद तैयार किया गया इंजन का यह मॉडल यह 250 मिलीलीटर पानी से 50 मीटर की दूरी तय करता है।
बीएससी की पढ़ाई पूरी कर कॉलेज में लैब असिस्टेंट के पद पर काम करने वाले गोपाल व नीट की तैयारी कर रहीं लाएबा और काशिफा ने इसे बनाया है। इस बार 12वीं पास करने वाली यास्मीन ने भी इसमें योगदान किया है। पांच साल की मेहनत के बाद इन्हें इस ट्रेन को बनाने में सफलता मिली है। गोपाल ने बताया कि यह मॉडल इंडियन लोकोमोटिव का मिनिएचर है। इनका कहना है कि यह इंजन पर्यावरण अनुकूल तकनीक पर निर्धारित है। यह प्रयास मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत जैसे अभियानों को भी मजबूती प्रदान करेगा।
पानी से बिजली बनाकर चलने वाले ट्रेन के इस मॉडल का सफल परीक्षण भी हो चुका है। यह इंजन ट्रेन पानी से बिजली बनाता है और उसी बिजली से अपनी मोटर को चला लेता है, जिससे इसे किसी बाहरी बिजली स्रोत की जरूरत नहीं पड़ती। गोपाल का मानना है कि उनका यह प्रयास न केवल विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में एक नया कदम है। इसलिए वह इस मॉडल को पेटेंट कराने की प्रक्रिया में भी जुटे हुए हैं।
गोपाल ने बताया कि वह यूट्यूब से जानकारी इकट्ठा कर वे अक्सर कुछ नया सीखते रहते हैं और उसी से प्रेरणा लेकर उन्होंने इस वॉटर ट्रेन का मॉडल तैयार किया। कॉलेज के शिक्षक गोपाल और उनका साथ दे रही छात्राओं के इस प्रयास से काफी खुश हैं। उनका कहना है कि यह प्रोजेक्ट पूरे बरेली शहर के लिए के लिए एक गर्व की बात है। उनके द्वारा बनाई गई यह ट्रेन न सिर्फ बच्चों को विज्ञान के प्रति प्रेरित करेगी, बल्कि आने वाले समय में ऊर्जा संकट और पर्यावरण की समस्याओं का भी एक हल बन सकती है।