डॉ. कुमारी रोहिणी
डॉ. कुमारी रोहिणी भाषा और साहित्य की दुनिया की एक जिज्ञासु यात्री हैं। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, दिल्ली से कोरियाई साहित्य में पीएचडी करने वाली रोहिणी न केवल एक अनुवादक हैं, बल्कि दो भिन्न संस्कृतियों को जोड़ने के क्षेत्र में भी कार्यरत हैं। उन्होंने इंडिया डेवलपमेंट रिव्यू (IDR) हिंदी में संपादकीय सलाहकार की भूमिका निभाई और मिशेल ओबामा की आत्मकथा Becoming, बुकर पुरस्कार उपन्यास 'ऑर्बिटल' जैसी कई चर्चित किताबों का हिंदी अनुवाद किया है। रोहिणी के अनुवाद पेंगुइन रैंडम हाउस, हार्पर कॉलिन्स जैसे प्रतिष्ठित प्रकाशनों से प्रकाशित होते रहे हैं।
दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया में लगभग पाँच वर्षों तक कोरियाई भाषा कार्यक्रम के बीए और एमए के छात्रों को पढ़ाकर उन्होंने अनगिनत विद्यार्थियों की जिज्ञासा को स्वर दिया। वे पर्यावरण, समाज और भाषा-साहित्य से जुड़े विषयों पर लिखती हैं और उनका लेखन स्क्रॉल.इन, द वायर, और जानकीपुल जैसे मंचों पर निरंतर दिखाई देता है। जीवन में गंभीरता और व्यंग्य - दोनों को सहजता से साधने वाली रोहिणी को लंबी सड़कों पर गाड़ी चलाने और व्यंग्य लेखन का शौक है।