रचित तिवारी
रचित इस समय लंदन स्कूल ऑफ़ इकॉनोमिक्स एंड पोलिटिकल साइंस में एमएससी एनवायर्नमेंट एंड डेवेलपमेंट स्टडीज़ के छात्र हैं। इनकी शैक्षणिक पृष्ठभूमि राजनीतिक पारिस्थितिकी, विकास अध्ययन और पर्यावरणीय न्याय के संगम पर आधारित है। इन्हें ग्रामीण भारत में जल निकायों, विशेषकर आर्द्रभूमियों के स्थानीय प्रबंधन, संबंधित विवादों और उनके इर्द-गिर्द जीवन में काफ़ी रुचि है।
इनका शोध संरक्षण की राजनीति, कृषि संबंधी बदलावों और पारिस्थितिक हानि की पृष्ठभूमि में सत्ता संघर्षों पर आधारित है। इन्होंने बिहार की कबरताल आर्द्रभूमि पर एथनोग्राफ़िक शोध किया है, जिसमें यह समझने की कोशिश की गई कि संरक्षण की योजनाएं कैसे अक्सर मछुआरों और महादलितों जैसे स्थानीय समुदायों की ऐतिहासिक भूमिका और अधिकारों को नज़रअंदाज़ कर देती हैं। इसके अलावा, वे केरल में आपदा के बाद पुनर्निर्माण और लचीलापन लाने वाली योजनाओं पर किए जा रहे अपने शोध के ज़रिए जलवायु वित्त की राजनीति का भी अध्ययन कर रहे हैं।