mitti ka matka
सेहत के साथ पर्यावरण के लिए भी अच्‍छा है मटके का पानी। तरावट के साथ मिलता है मिट्टी की भीनी-भीनी खुशबू का खुशनुमा एहसास।

आ गई घड़े निकालने की घड़ी : इस गर्मी ऐसे रखिए अपने मटके को कूल-कूल

इको फ्रेंडली हैं मिट्टी के मटके, पुराने घड़े को फेंकने के बजाय इस तरह करें री-यूज, ठंडे पानी के साथ मिलेगा बचत का भी फायदा, कम होगा आपका कार्बन फुटप्रिंट
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गर्मी ने इस बार मार्च-अप्रैल के महीने में ही जिस तरह के तीखे तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं, लगता है तापमान के सारे रिकॉर्ड टूट जाएंगे। ऐसी भीषण गर्मी में ठंडे पानी के दो घूंट से ज्‍यादा राहत देने वाली और कोई चीज नहीं लगती। इसके लिए हम पानी की बोतलें फ्रिज में रखते हैं। उससे भी ठंडक नहीं मिलती, तो फ्रीजर से बर्फ निकाल कर पानी में डाल लेते हैं। तेज गर्मी से आकर यकायक फ्रिज का ठंडा पानी पीने से ठंडे-गरम की जो समस्या शरीर को होती है और हमारी सेहत को इसका जो नुकसान होता है, वह अपनी जगह है। इसका एक स्याह पहलू यह भी है कि फ्रिज का ज्‍यादा इस्‍तेमाल हमारे पर्यावरण के लिहाज़ से भी अच्छा नहीं है।

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फ्रिज आज घर-घर में इस्‍तेमाल हो रही है, पर कभी सोचा है कि ये कितनी बिजली की खपत कर रही है और पर्यावरण पर इसका क्या प्रभाव पड़ रहा है?

पर्यावरण के लिए ठीक नहीं फ्रिज में होने वाली बिजली की भारी खपत

हाल के वर्षों में एसी और फ्रिज से वायुमंडल में घुलने वाले क्लोरोफ्लोरोकार्बन (सीएफसी) गैस की समस्या पर तो काफी हद तक काबू पा लिया गया है, पर ठंडक देने वाले इन उपकरणों में भारी मात्रा में होने वाली बिजली की खपत अब भी एक बड़ी समस्या बनी हुई है। इसके चलते इनका कार्बन फुटप्रिंट काफी अधिक बना हुआ है। इसका एक व्यावहारिक, कारगर और सस्‍ता समाधान यही है कि ठंडा पानी पीने के लिए फ्रिज की जगह या फ्रिज के साथ ही घड़े या मटके के पानी का भी इस्तेमाल किया जाए। मटके का पानी पीना न केवल एक सस्ता उपाय है, बल्कि हमारी सेहत और पर्यावरण के लिए भी अच्छा है। हालांकि मटके का पानी फ्रिज के मुकाबले काफी कम ठंडा होता है, पर कुछ साधारण से उपायों को अपना कर हम घड़े के पानी की शीतलता को बढ़ा सकते हैं। तो आइए, इसकी कुछ आसान सी तरकीबों पर डालते हैं एक नज़र

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सरल से उपाय अपना कर आसानी से पुराने मटके को बनाइए नए जैसा। मिलेगी बेहतर कूलिंग।Her Zindagi

पुराने घड़े में ऐसे डालें नई जान

घड़े का ठंडा पानी गले को तरावट के साथ ही मिट्टी की जो खुशबू और सौंधापन लिए होता है, वह हमारे तन के साथ ही मन को भी तृप्त करता है। पर, मिट्टी के घड़ों के साथ समस्या यह होती है कि एक-दो साल इस्तेमाल के बाद अकसर इनमें पानी ठंडा होना काफी कम या बंद हो जाता है। इसकी वजह है घड़े में बने सूक्ष्म छिद्रों (पोर) का बंद हो जाना, जोकि पानी में मौजूद नमक और क्लोरीन, फ्लोराइड जैसे कुछ अन्य खनिजों (मिनरल्स) के कारण बंद हो जाते हैं। इससे घड़े से होने वाला पानी का वाष्पीकरण काफी कम या बंद हो जाता है। इस कारण घड़े का पानी ठंडा नहीं हो पाता। इस समस्या के चलते लोग अकसर अपने पुराने मटके को फेंक कर नया घड़ा खरीद लाते हैं। घड़ों की कीमतें भी काफी बढ़ने के कारण बार-बार का यह खर्चा भी अब लोगों को अखरने लगा है। इसलिए आज हम आपको कुछ ऐसे सरल उपाय बताने जा रहे हैं, जिन्‍हें आजमा कर आप इस अनावश्‍यक खर्चे से बच सकते हैं-

How do you clean a clay pot
घरेलू नुस्‍खा आपके पुराने घड़े को चमका के कर देगा एकदम नए जैसा।

आजमाएं ये आसान सा घरेलू नुस्‍खा

पुराने मटके के अंदर एक चम्मच सिरका (विनेगर) डालें। साथ ही एक चम्मच बेकिंग सोडा या बेकिंग पाउडर व एक चम्मच नमक डालें। इन तीनों चीजों को मिलाने के बाद बर्तन धोने वाले जूने या जूट से घड़े को अंदर और बाहर से अच्छी तरह से रगड़-रगड़ कर धो लें। ध्‍यान रखें, घड़े को हर ओर अच्छी तरह से रगड़ना है, जिससे कि उसमें पानी के खारेपन से जमी परत पूरी तरह छूट जाए। इसके बाद घड़े को साफ पानी से दो-तीन बार अच्छी तरह से धोकर धूप में सुखा लें। अब आपका मटका फिर से नए घड़े की तरह पानी ठंडा करने के लिए तैयार है। इसके पीछे का विज्ञान यह है कि विनेगर, सोडा और नमक का घोल आपके घड़े में जमे खारे पानी के साल्‍ट को साफ कर उसके पोरों को खोल देता है। इन सूक्ष्म छिद्रों के खुल जाने से घड़े से पानी का वाष्पीकरण अच्छी तरह से होने लगता है, जिससे पानी ज्‍यादा ठंडा होने लगता है। 

इसके अलावा एक इससे भी आसान उपाय है। मटके पर आपको अगर ज्‍यादा सफेद परत जमी नहीं दिख रही है, तो गर्म पानी में दो-तीन चम्मच नमक मिला कर मटके की ऊपरी सतह को अच्छी तरह धो लें। इसके बाद मटके को इसी नमक वाले पानी से पूरा भरकर चार-पांच घंटे के लिए छोड़ दें। पानी अब ठंडा हो चुका होगा। इसे फेंक कर घड़े को एक बार सादे पानी से अच्छी तरह धोकर आप इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे घड़े की कम हुई कूलिंग फिर से बढ़ जाएगी।

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इस्‍तेमाल से पहले नए घड़े की कर लें अच्‍छी तरह सफाई, तो मिलेगी भरपूर ठंडक।

नए मटके को इस तरह से करें तैयार

आपने अगर नया मटका खरीदा है, तो कुछ टिप्‍स को आज़मा कर आप इसकी कूलिंग को और भी बेहतर बना सकते हैं। पांच लीटर तक के छोटे मटके को इस्तेमाल करने से पहले इसमें एक-एक चम्मच विनेगर, खाने वाला सोडा और नमक का एक घोल डालें। मटके को अच्छी तरह से घुमा-घुमा कर इस घोल को उसकी भीतरी दीवारों पर लग जाने दें। एक-दो मिनट बाद घड़े को पानी से पूरा भर दें। इसके बाद भरे हुए मटके को पानी से भरे टब या किसी चौड़े बर्तन में डालकर छोड़ दें। दो-तीन घंटे बाद घड़े को पानी से निकाल कर उसमें भरा पानी गिराकर उसे अच्छी तरह से रगड़ कर धो लें। घड़े की बाहरी सतह पर एक चम्मच नमक डालकर इसे भी जूने से रगड़ कर धो लें। घड़े को अंदर और बाहर अच्छी तरह से धोने के बाद एक बार इसे धूप में अच्छी तरह से सुखा लें। अब आपका घड़ा तगड़ी कूलिंग के लिए पूरी तरह से तैयार है। इसे भर कर ठंडे-ठंडे पानी का मज़ा लीजिए।

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