लोक संस्कृति

इमेज क्रेडिट: शरत चंद्र प्रसाद
आस्‍था तो आस्‍था है, पानी चाहे गंदा हो या ज़हरीला, पूजा-पाठ की परंपरा को निभाने छठ व्रतियों का मेला हर साल यमुना के घाटों पर लग ही जाता है।
परंपरागत तालाब; फोटो - विकिमीडिया, Rakesh.5suthar
PANAGAM
mitti ka matka
बबीता देवी बड़ी सावधानी से भट्ठी तैयार करती हैं, ईंटों को एकदम सीध में सजाती हैं ताकि गर्मी बराबर फैले और कुल्हड़ मज़बूत बनें, फटें नहीं।
चवदार जलाशय से पानी लेने का अधिकार आंदोलन की तस्वीर
फोटो साभार - काफल ट्री,  फोटो: जगमोहन रौतेला
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