एक अध्ययन में कहा गया है कि 93% बोतलबंद पानी में माइक्रोप्लास्टिक्स होते हैं, फोटो साभार -
एक अध्ययन में कहा गया है कि 93% बोतलबंद पानी में माइक्रोप्लास्टिक्स होते हैं, फोटो साभार - Credit: Franck Michel/Flickr

हिमाचल प्रदेश में 500 मिलीलीटर PET बोतलबंद पानी पर प्रतिबंध

हिमाचल प्रदेश: 500 मिलीलीटर PET बोतलबंद पानी पर प्रतिबंध, पर्यावरण संरक्षण के लिए उठाया बड़ा कदम।
Published on
2 min read

शिमला, 24 अप्रैल 2025: हिमाचल प्रदेश सरकार ने प्लास्टिक प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए 500 मिलीलीटर पॉलीइथाइलीन टेरेफ्थालेट (PET) बोतलबंद पानी के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह निर्णय हिमाचल को प्लास्टिक मुक्त बनाने और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

पर्यावरण, विज्ञान और प्रौद्योगिकी निदेशालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, 1 जून 2025 से राज्य में 500 मिलीलीटर प्लास्टिक बोतलबंद पानी का उपयोग सभी सरकारी बैठकों, सम्मेलनों, और सरकारी विभागों, बोर्डों, निगमों तथा अन्य संस्थानों द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में पूरी तरह प्रतिबंधित होगा। यह अधिसूचना हिमाचल प्रदेश गैर-जैव निम्नीकरणीय कचरा (नियंत्रण) अधिनियम-1995 की धारा 3-ए (1) के तहत लागू की गई है।

प्लास्टिक प्रदूषण और माइक्रोप्लास्टिक का खतरा: प्लास्टिक प्रदूषण पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा है। प्लास्टिक कचरा नदियों, झीलों और मिट्टी को दूषित करता है, जिससे जैव विविधता को नुकसान पहुंचता है। माइक्रोप्लास्टिक (5 मिमी से छोटे कण) जल स्रोतों, मिट्टी और मानव शरीर में प्रवेश कर रहे हैं, जो कैंसर, हार्मोनल असंतुलन जैसी स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकते हैं। ये कण खाद्य श्रृंखला के माध्यम से मनुष्यों तक पहुंचते हैं, जिससे दीर्घकालिक पर्यावरणीय संकट पैदा हो रहा है।

संगठनों की प्रतिक्रिया: हिमाचल प्रदेश सरकार के इस फैसले का कई पर्यावरण संगठनों ने स्वागत किया है। हिमाचल प्रदेश पर्यावरण संरक्षण समिति और ग्रीन हिमालय जैसे संगठनों ने इसे प्लास्टिक प्रदूषण के खिलाफ साहसिक कदम बताया है। उनका कहना है कि यह प्रतिबंध हिमाचल की प्राकृतिक सुंदरता को संरक्षित करेगा और पर्यावरण जागरूकता बढ़ाएगा। हालांकि, कुछ व्यापारिक संगठनों ने पुराने स्टॉक के निपटान और वैकल्पिक पैकेजिंग की लागत पर चिंता जताई है। सरकार ने स्टॉक समाप्त करने के लिए 1 जून 2025 तक का समय दिया है ताकि आर्थिक नुकसान कम हो।

पर्यावरण, विज्ञान और प्रौद्योगिकी निदेशक डी.सी. राणा ने कहा, “यह प्रतिबंध हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (HPTDC) के होटलों में लागू होगा। निजी होटलों को भी पर्यावरण-अनुकूल विकल्प जैसे कांच की बोतलें, पानी के डिस्पेंसर और स्टील कंटेनर अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।”

राज्य सरकार ने आदेश का उल्लंघन करने वालों पर 500 रुपये का जुर्माना लगाने का प्रावधान किया है। यह प्रतिबंध स्कूल, कार्यालय, होटल, रेस्तरां, ढाबे, मंदिर, बैंक्वेट हॉल, सार्वजनिक पार्क, वन क्षेत्र, सड़कें और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर लागू होगा।

हिमाचल प्रदेश का यह कदम पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक प्रेरणादायक पहल है। सरकार ने जनता और व्यवसायों से इस नियम का पालन करने और पर्यावरण-अनुकूल विकल्प अपनाने की अपील की है।

सम्बंधित कहानिया

No stories found.
India Water Portal - Hindi
hindi.indiawaterportal.org