पंचायत समिति रेवदर की भूजल स्थिति
पंचायत समिति, रेवदर (जिला सिरोही) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत
सिरोही जिला मुख्यतः चट्टानी क्षेत्र है एवं भूजल उपलब्धता पूर्णतया वर्षा पर निर्भर करती है। भूजल पुनर्भरण से अधिक मात्रा में दोहन होने के कारण सिरोही जिला अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत है।
रेवदर पंचायत समिति में वर्ष 1984 में भूमि में उपलब्ध पानी का प्रतिवर्ष 26 प्रतिशत ही उपयोग करते थे लेकिन अब 135 प्रतिशत दोहन कर रहे हैं, अर्थात कुल वार्षिक पुनर्भरण की तुलना में 22 मिलियन घनमीटर भूजल अधिक निकाला जा रहा है, जबकि भविष्य में जल उपलब्धता के लिये वार्षिक भूजल पुनर्भरण का 70 प्रतिशत से कम दोहन ही उचित है।
1984 में औसत 13 मीटर गहराई पर पानी उपलब्ध था जो अब 23 मीटर तक हो गया है।
राजस्थान की भूजल स्थिति
वर्ष | पंचायतसमिति | सुरक्षित | अर्द्धसंवेदनशील | संवेदनशील | अति-दोहित |
1984 | 237 | 203 (86 प्रतिशत) | 10 (04 प्रतिशत) | 11 (05 प्रतिशत) | 12 (05 प्रतिशत) |
1995 | 237 | 127 (54 प्रतिशत) | 35 (15 प्रतिशत) | 14 (06 प्रतिशत) | 60 (25 प्रतिशत) |
2001 | 237 | 49 (21 प्रतिशत) | 21 (09 प्रतिशत) | 80 (34 प्रतिशत) | 86 (36 प्रतिशत) |
2008 | 237 | 30 (13 प्रतिशत) | 08 (03 प्रतिशत) | 34 (14 प्रतिशत) | 164 (69 प्रतिशत) |
चूरू जिले की एक पंचायत समिति तारानगर खारे क्षेत्र में वर्गीकृत है। |