इंडोनेशिया के दक्षिण-पूर्व सुलावेसी में  निकल खदान की ओर जाने वाली सड़क। फोटो: फ्रेंको ब्रावो डेंगो
इंडोनेशिया के दक्षिण-पूर्व सुलावेसी में निकल खदान की ओर जाने वाली सड़क। फोटो: फ्रेंको ब्रावो डेंगोwww.climatechangenews.com

इलेक्ट्रिक व्हीकल्स - EV के लिए निकेल खनन: इंडोनेशिया में Cr6 से जल प्रदूषण विवाद की वैश्विक जांच

हरित ऊर्जा की चमक में छिपा ज़हर? दुनिया भर में इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) और हरित ऊर्जा की मांग तेज़ी से बढ़ रही है। लेकिन इस क्रांति के पीछे कुछ ऐसे तथ्य हैं जो अक्सर छिपा दिए जाते हैं—जैसे निकेल खनन और उससे जुड़ा हेक्सावैलेंट क्रोमियम (Cr6) जैसा जहरीला रसायन, जो न सिर्फ पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि लोगों का भूजल जहरीला कर रहा है, सेहत बिगाड़ रहा है।
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हरित ऊर्जा की दौड़ और उसका पर्यावरणीय सच!

जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए पूरी दुनिया इलेक्ट्रिक वाहनों और सौर ऊर्जा जैसे विकल्पों को अपनाने की होड़ में है। लेकिन जिस निकेल जैसी धातु की मांग इस "हरित ऊर्जा" को संभव बना रही है, वह खुद पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य के लिए गंभीर संकट बनती जा रही है।

इंडोनेशिया की ओबी द्वीप पर स्थित हरीता ग्रुप की खदान में सामने आया हेक्सावैलेंट क्रोमियम (Cr6) का जल प्रदूषण इस विडंबना की एक बानगी भर है - जहाँ पर्यावरणीय अन्याय को विकास के नाम पर नजरअंदाज किया जा रहा है।

इंडोनेशिया की निकेल माइनिंग और Cr6 विवाद

इंडोनेशिया के ओबी द्वीप पर हरीता ग्रुप (Harita Group) की एक अरब डॉलर की खदान EV बैटरी निर्माण के लिए आवश्यक निकेल धातु का स्रोत है। लेकिन The Guardian और OCCRP की साझा जांच में सामने आया है कि इस साइट से जुड़े कावासी गांव के जल स्रोत में Cr6 की मात्रा सुरक्षित सीमा से कहीं अधिक पाई गई।

2022 में The Guardian ने परीक्षण के बाद दावा किया कि पानी में Cr6 का स्तर 60 ppb है, जबकि इंडोनेशियाई कानून के अनुसार अधिकतम सीमा 50 ppb होनी चाहिए।

यह आंकड़े साफ़ तौर पर एक पर्यावरणीय संकट की ओर इशारा करते हैं।

निकेल खनन साइटों के पास पानी में Cr6 का स्तर कानूनी सीमा से कहीं अधिक पाया गया है। उदाहरण के लिए, ओबी द्वीप पर हारिता ग्रुप की $1 बिलियन की खदान के पास कावासी गांव में एक पीने के पानी के स्रोत में Cr6 का स्तर 140 ppb तक पहुंच गया, जबकि इंडोनेशिया की कानूनी सीमा 50 ppb है (The Guardian)। हारिता के आंतरिक दस्तावेजों से पता चला कि 2022 में Cr6 का स्तर 128 ppb तक था, लेकिन कंपनी ने इसे सार्वजनिक रूप से प्रकट नहीं किया, जिसने पारदर्शिता पर सवाल उठाए।

कंपनी ने पहले इसे गलत बताया, लेकिन लीक हुए दस्तावेज़ों से सामने आया कि हरीता ग्रुप ने अपने आंतरिक परीक्षणों में 70 ppb (1 फरवरी 2022), 128 ppb (7 फरवरी) और बाद में 140 ppb (दिसंबर 2022) तक के स्तर रिकॉर्ड किए थे—पर कभी सार्वजनिक नहीं किए।

Cr6: वही रसायन जिसने अमेरिका को हिला दिया था

हेक्सावैलेंट क्रोमियम (Cr6) वही रसायन है जो Erin Brockovich केस के बाद दुनिया भर में कुख्यात हुआ। अमेरिका के कैलिफ़ोर्निया राज्य के हिन्कले कस्बे में PG&E कंपनी पर आरोप लगा था कि उसने Cr6 युक्त अपशिष्ट जमीन में छोड़ दिया, जिससे वहां के पेयजल में कैंसर फैलाने वाला ज़हर घुल गया।

1996 में यह केस $333 मिलियन के मुआवज़े के साथ समाप्त हुआ—और आज भी इसे पर्यावरणीय न्याय की लड़ाई का प्रतीक माना जाता है।

फिलीपींस: जब पूरा द्वीप जहरीली गाद में डूब गया

1996 में फिलीपींस के मारिंडुक द्वीप पर Marcopper Mining Corporation की निकेल खनन गतिविधियों के कारण लगभग दो मिलियन टन जहरीली गाद नदियों में बहा दी गई। इससे आसपास के 27 गांव बुरी तरह प्रभावित हुए।

लोगों की आजीविका, स्वास्थ्य और जल स्रोत नष्ट हो गए। वर्षों तक लोगों को मुआवजा नहीं मिला। यह भी एक उदाहरण है कि खनन कंपनियों की जवाबदेही विकासशील देशों में अक्सर कमज़ोर होती है।

निकेल सप्लाई चेन में जवाबदेही की कमी

पर्यावरण विशेषज्ञ मैथ्यू बेयर्ड कहते हैं, “निकेल एक संक्रमण धातु है, लेकिन संक्रमण सिर्फ तकनीक का नहीं होना चाहिए। यह संक्रमण सामाजिक और पर्यावरणीय न्याय के साथ होना चाहिए।”

लेकिन कंपनियां अक्सर अपनी रिपोर्टें छिपा लेती हैं और सरकारें भी स्थानीय प्रभावों को नजरअंदाज करती हैं। यही स्थिति ओबी द्वीप में दिखी।

वैश्विक जांच, जैसे Climate Rights International की रिपोर्ट, ने इस मुद्दे को उजागर किया है। हारिता ग्रुप पर Cr6 प्रदूषण छुपाने का आरोप है, जिसने विवाद को और बढ़ा दिया है। अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ रहा है कि ईवी निर्माता, जैसे टेस्ला, अपनी आपूर्ति श्रृंखला में सुधार करें।

सच्चाई पर आधारित हो, भविष्य की दिशा

ओबी द्वीप का Cr6 प्रदूषण मामला सिर्फ इंडोनेशिया की समस्या नहीं है। यह उस वैश्विक परिदृश्य का हिस्सा है जिसमें विकासशील देशों में पर्यावरणीय अन्याय को अक्सर वैश्विक "सस्टेनेबिलिटी" के नाम पर अनदेखा कर दिया जाता है।

हरित भविष्य के सपने को साकार करने के लिए हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि वह समाज के सबसे निचले पायदान पर खड़े व्यक्ति के जल, जमीन और जीवन को कुर्बानी के रूप में न मांगे।

संदर्भ -

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