नीतियां और कानून

यूसर्क के साप्ताहिक प्रशिक्षण कार्यक्रम का हुआ समापन

राज्य के सीमांत भाग तक के विद्यार्थियों को विज्ञान, तकनीकी एवं पर्यावरण संबंधी विषयों में प्रयोगात्मक रूप से प्रशिक्षित किया जाय। पर्यावरण विषय पर प्रशिक्षित युवा अपने कौशल विकास के साथ अपने करियर को अच्छा बना सकते हैं साथ ही साथ अपने पर्यावरण के संरक्षण के लिए भी कार्य कर सकते हैं

Author : डॉ भवतोष शर्मा 

उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा अनुसंधान केंद्र देहरादून (यूसर्क) द्वारा भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान (भारतीय कृषि एवं अनुसंधान परिषद, भारत सरकार) के संयुक्त तत्वाधान में दिनांक 11 दिसंबर को  प्रारंभ किए गए साप्ताहिक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आज दिनाँक 15.12.2023 को अपराह्न में यूसर्क सभागार में समापन किया गया। समापन कार्यक्रम में यूसर्क की निदेशक प्रोफेसर (डॉ) अनीता रावत ने अपने उद्बोधन में कहा कि यूसर्क का प्रयास है कि राज्य के सीमांत भाग तक के विद्यार्थियों को विज्ञान, तकनीकी एवं पर्यावरण संबंधी विषयों में प्रयोगात्मक रूप से प्रशिक्षित किया जाय। पर्यावरण विषय पर प्रशिक्षित युवा अपने कौशल विकास के साथ अपने करियर को अच्छा बना सकते हैं साथ ही साथ अपने पर्यावरण के संरक्षण के लिए भी कार्य कर सकते हैं।कार्यक्रम के तकनीकी सत्रों में वैज्ञानिक डॉ भवतोष शर्मा ने हैंडस ऑन ट्रेनिंग के अन्तर्गत प्रयोगशाला में विभिन्न केमिकल एनालिसिस प्रयोगों हेतु स्टैंडर्ड सोल्यूशन बनाना, सावधानियां एवं विभिन्न अनुमापन करना सिखाया।

सत्र में दूसरा व्याख्यान भारतीय सुदूर सम्वेदन संस्थान (आई आई आर एस) देहरादून के सेवानिवृत्त वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ के के दास ने " जियोस्पेशियल टेक्नोलॉजी फॉर एनवायरनमेंटल हजार्ड एंड डिजास्टर मैनेजमेंट" विषय पर व्याख्यान देते हुए पर्यावरण विज्ञान में रिमोट सेंसिग और जी आई एस का उपयोग विस्तार से बताया। प्रश्नोत्तर सत्र में सभी के प्रश्नों का समाधान भी किया गया। कार्यक्रम के समापन अवसर पर यूसर्क की निदेशक प्रोफेसर (डॉ) अनीता रावत ने पूरे प्रदेश के 6 शिक्षण संस्थानों से आए सभी 26 प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए।कार्यक्रम संचालन डॉ भवतोष शर्मा ने किया । कार्यक्रम में इंजीनियर उमेश जोशी, राजदीप, राजीव मोहन,  शिवानी पोखरियाल सहित कुल 40 लोगों द्वारा प्रतिभाग किया गया। 

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