शब्दकोश

सरस्वती

Author : इंडिया वाटर पोर्टल

सरस्वती 1. ब्रह्मा की मानसपुत्री जो विद्या की अधिष्ठात्री देवी की अधिष्ठात्री देवी मानी गई हैं। इनका नामांतर शतरूपा भी है। इसके अन्य पर्याय हैं, वाणी, वाग्देवता, भारती, शारदा, वागेश्वरी इत्यादि। ये शुक्लवर्ण, श्वेत वस्त्रधारिणी, वीणावादनतत्परा तथा श्वेतपद्मासना कही गई हैं। इनकी उपासना करने से मूर्ख भी विद्वान्‌ बन सकता है। माघ शुक्ल पंचमी को इनकी पूजा की परिपाटी चली आ रही है। देवी भागवत के अनुसार ये ब्रह्मा की स्त्री हैं।

2. एक पौराणिक नदी जिसकी चर्चा वेदों में भी है। ऋग्वेद (2 41 16-18) में सरस्वती का अन्नवती तथा उदकवती के रूप में वर्णन आया है। यह नदी सर्वदा जल से भरी रहती थी और इसके किनारे अन्न की प्रचुर उत्पत्ति होती थी। कहते हैं, यह नदी पंजाब में सिरमूर राज्य के पर्वतीय भाग से निकलकर अंबाला तथा कुरुक्षेत्र होती हुई कर्नाल जिला और पटियाला राज्य में प्रविष्ट होकर सिरसा जिले की दृशद्वती (कांगार) नदी में मिल गई थी। प्राचीन काल में इस सम्मिलित नदी ने राजपूताना के अनेक स्थलों को जलसिक्त कर दिया था। यह भी कहा जाता है कि प्रयाग के निकट तक आकार यह गंगा तथा यमुना में मिलकर त्रिवेणी बन गई थी। कालांतर में यह इन सब स्थानों से तिरोहित हो गई, फिर भी लोगों की धारणा है कि प्रयाग में वह अब भी अंत:सलिला होकर बहती है। मनुसंहिता से स्पष्ट है कि सरस्वती और दृषद्वती के बीच का भूभाग ही ब्रह्मावर्त कहलाता था। (मुकुंदीलाल श्रीवास्तव)

अन्य स्रोतों से:

गुगल मैप (Google Map):

बाहरी कड़ियाँ:


1 -
2 -
3 -

विकिपीडिया से (Meaning from Wikipedia):

संदर्भ:


1 -

2 -

SCROLL FOR NEXT