‘पर्वतीय विकास की सही दिशा’ के मुद्दे पर आयोजन समिति द्वारा अनासक्ति आश्रम कौसानी में 5-7 अप्रैल 2023, पर्वतीय विकास की सही दिशा विषय पर तीन दिवसीय संवाद गोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। आप अवगत ही हैं कि 5 अप्रैल सरला बहिन की जन्म तिथि है। सरला बहिन उत्तराखण्ड में रचनात्मक व आन्दोलनात्मक गतिविधियों के लिये प्रेरणा स्रोत रही हैं। हमारे पर्वतीय क्षेत्र मे सर्वोदय आन्दोलन द्वारा गांधी जी के रचनात्मक कार्यों तथा कालांतर में उनके अनुयाईयों द्वारा कई महत्व के आन्दोलन जिन में छुआछूत विरोधी, मंदिर प्रवेश, सामाजिक समानता, शराब बन्दी, चिपको, खनन विरोधी तथा अन्य आन्दोलन का सफलता पूर्वक नेतृत्व किया गया।
स्व0 सरला बहिन ने अपने अनुभवों व भविष्य की दृष्टि को सामने रखते हुए मार्च, 1979 में भारत सरकार के योजना आयोग को पर्वतीय क्षेत्रों के विकास तथा सरकारी नियोजन को लेकर एक खत लिखा था, जिसे बाद में 'पर्वतीय विकास की सही दिशा' नाम से एक पुस्तिका का स्वरूप दिया गया। इस पुस्तिका में सरला बहन से पर्वतीय क्षेत्रों के विकास का ब्यौरा हमारे सामने रखा है।
आज जब इस पुस्तिका को लिखे हुए 44 वर्ष पूरे हो रहे हैं तब हम सभी को ये लगता है कि पृथक राज्य बनने जैसी महत्वपूर्ण घटना के बाद भी पहाड़ को लेकर हमारी अपेक्षाएँ पूरी नहीं हो पाई हैं। पहाड के विकास की चुनौतियां आज भी हमारे सामने खड़ी हैं, जिनका जिक्र यहाँ जरूरी नहीं है, लेकिन हम सब इस बात से सहमत हैं कि सरकारी नियोजन तथा विकास योजनाओं में बरती गई लापरवाही का दण्ड पर्वतीय समाज भुगत रहा है।
अत: सरला बहन को याद करते हुए, उनके योगदान पर चर्चा करते हुए हम 5 से 7 अप्रैल तक पर्वतीय विकास की सही दिशा' पर विचार-विमर्श के लिए आपको अनासक्ति आश्रम कौसानी में आमंत्रित करते है। आशा है आप अपना बहुमूल्य समय इस महत्व के आयोजन के लिए अवश्य निकाल पायेंगे तथा उपस्थित होकर बेहतर उत्तराखण्ड निर्माण में योगदान सुनिश्चित करेंगे।
प्रस्तावक
सम्पर्क सूत्र -
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गोपाल राम - 8923523957
अजय कुमार - 9411751625