लेख

निमंत्रण : उत्तराखंड बाढ़ की असलियत

Author : माटू जनसंगठन

तारीख : 8 नवंबर, 2013
समय : 4.30 से 6.30 बजे तक
स्थान : कमरा न. - 308, आई एस आई, 10 इंस्टीट्यूशनल एरिया, सांई बाबा मंदिर के पीछे, लोधी रोड, नई दिल्ली।


जून, 2013 में उत्तराखंड बाढ़ के बारे में आप सभी जानते हैं। प्रचारित किया गया कि यह बाढ़ एक प्राकृतिक आपदा थी जबकि यह पूर्ण सत्य नहीं है। प्राकृतिक आपदा का परिमाण कार्यरत और निर्माणाधीन बांधों के कारण बहुत बड़ा है। विष्णुप्रयाग और श्रीनगर बांध जैसे उदाहरण अलकनंदा घाटी और अस्सीगंगा बांध परियोजनाएं व मनेरी भाली चरण-2 दूसरे अन्य बुरे उदाहरण भागीरथीघाटी में हमारे सामने हैं। इन सभी बांध परियोजनाओं के क्षेत्रों में स्थिति खराब हैजैसेः-

1. दुर्घटनाओं की बिना किसी जांच पड़ताल किए बांध कंपनियां बांधों की मरम्मत में लगी है।
2. राज्य व केन्द्र की सरकारों ने कोई जांच नहीं शुरू की है।
3. थानों में इन बांध कंपनियों के खिलाफ प्रथम दृष्टया रिर्पोट भी दाखिल नहीं करने दी जा रही है।
4. इन क्षेत्रों से बांध प्रभावित ग्रामवासी दिल्ली में है। यहां हम आप सबसे अपने अनुभव बाटंना चाहते है और गंगा घाटी की आज की सच्चाई सामने रखना चाहते हैं। साथ ही आगे की रणनीति में सहयोग भी चाहेंगे। इसके लिए एक बैठक रखी गई है।

हमें अपेक्षा रहेगी की बैठक में आप स्वयं आएंगे और अपने सहमना साथियों को भी साथ लाएंगे।

संपर्क
दिनेश पंवार,
रेनू चौहान,
पी. वी. काला,
विमलभाई

दिल्ली संपर्क:-
शीला : 9212587159
विमलभाई : 9718479517

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