कई कॉलोनियों में सप्लाई किया जा रहा पानी पीने योग्य नहीं
महानगर के लोगों को स्वच्छ जल मुहैया कराने का दावा करने वाले नगर निगम के नलकूपों का पानी भी जहरीला होता जा रहा है। लेकिन विभागीय अधिकारी चेतने के लिए तैयार नहीं हैं। इसका खुलासा स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा पानी के लिए गए सैंपल के माध्यम से किया गया है। इसमें नलकूपों के सैंपल फेल होने का मामला पाया गया है। हैरत की बात देखिए कि कई कॉलोनियों में दूषित पानी की सप्लाई की जा रही है, जिसका पानी पीने योग्य नहीं है।
निगम के अन्तर्गत आने वाली 80 वार्डों को स्वच्छ पेयजल मुहैया कराने की जिम्मेदारी नगर निगम की है। लेकिन निगम अफसरों द्वारा लोगों को स्वच्छ पेयजल मुहैया कराने की बात बेमानी साबित हो रही है। अधिकांश कॉलोनियों में रोजाना आठ से दस घण्टे तक लोगों को पानी नहीं मिल पाता है तो कहीं निगम की ओर से गन्दे पानी की आपूर्ति कर दी जाती है। पिछले दिनों स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा एल ब्लॉक पटेलनगर, शिब्बनपुरा, सब्जी मण्डी, सेवानगर आदि स्थानों से पानी के नमूने लिए गए हैं।
जाँच में पानी के नमूने फेल पाए गए हैं। पानी में क्लोरीफिकेशन शून्य और टीडीएस की मात्रा भी ज्यादा मिली है। सूत्रों की मानें तो जोनल कार्यालय पर बने नलकूप का नमूना भी फेल पाया गया है। हालाँकि जोनल कार्यालय पर पानी का नमूना फेल हो जाने पर अधिकारियों की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ रही है।
गन्दे पानी को लेकर निगम कार्यालय पर आए दिन विभिन्न कॉलोनियों के लोगों का धरना प्रदर्शन देखा जा सकता है। लेकिन निगम के अफसर कुम्भकर्णी नींद से जागने के लिए तैयार नहीं है। निगम की कार्यकारिणी की बैठक में भी पेयजल का मुद्दा प्रमुखता से उठाया गया था और अफसरों को बंगले झांकने के लिए मजबूर होना पड़ा। पार्षदों के सवालों के जवाब उनके पास नहीं थे। इतना सब होने के बाद भी अफसर चेतने के लिए तैयार नहीं हैं।
निगम के तमाम हैण्डपम्पों का भी गला सूख गया है। नंदग्राम, सिहानी, लोहियानगर, पटेल नगर, आरडीसी, कलक्ट्रेट, नेहरु नगर आदि स्थानों पर बने हैण्डपम्प पानी की बजाए जहर उगल रहे हैं। अधिकांश हैण्डपम्प तो खराब हो गए हैं और जो ठीक-ठाक है उनसे जहरीला पानी निकल रहा है। इन हैण्डपम्पों का पानी पीने से लोगों में तमाम तरह की बीमारियाँ पनप रही हैं। नंदग्राम के सोहनलाल कुशवाह, अजय, विकरांत, सुनील, पप्पन आदि ने बताया कि पानी की किल्लत सबसे बड़ी समस्या है। क्योंकि आरओ और फिल्टर लगवाने की गुन्जाइश नहीं है और मजबूरन हैण्डपम्प का पानी ही पीना पड़ रहा है।