मौसम

बदलता मौसम - रंग-बिरंगा

Author : राधाकांत भारती

बरसात के बाद गर्मी कम हो जाती है, रात में तापमान कम होने लगता है। यही शरद के सुहावने मौसम का संकेत है। लेकिन दक्षिण भारत के कई इलाकों में पीछे हटते हुए मानसून की वर्षा होती रहती है जो कि धान क दूसरी फसल उपजाने के लिए काफी लाभदायक होती है। शरद ऋतु भारत में उत्सव और त्योहारों का मौसम माना जाता है। विशेषकर भारत के ग्रामीण इलाकों में कई प्रकार के उत्सवों का आयोजन किया जाता है। कथन है - ‘संसार परिवर्तनशील है’- यही बात मौसम के लिए भी सत्य है। कहीं भी किसी देश में मौसम सदैव एक-सा नहीं रहता है। अलग-अलग तरह की जलवायु में अलग प्रकार की विशेषताएँ होती है, उसी प्रकार उनके मौसम भी होते हैं। प्राकृतिक वातावरण में होने वाले परिवर्तनों का प्रभाव केवल मानव जीव-जंतुओं पर ही नहीं, वनस्पतियों तथा निर्जीव पदार्थों पर भी देखा जा सकता है। ऐसे प्रभावों का भावानात्मक चित्रण विश्व के कई महान साहित्यकारों ने किया है। हमारे देश में भी महाकवि कालीदास का काव्य ‘ऋतुसंहार इसका उत्तम उदाहरण है। इसके अलावा भारत के प्रायः हर भाषा में बारहमासा नाम से ऋतुओं की विशेषताएँ तथा बदलाव के गीत गाए जाते रहे हैं।

जलवायु विज्ञान के अनुसार तापमान, आर्द्रता, वर्षा, वायुभार आदि के आधार पर पूरे साल को चार मुख्य मौसमों में विभाजित कर अध्ययन किया जाता रहा है। भारतीय जलवायु में मूलतः चार मौसम इस प्रकार से है-

ग्रीष्म

अधिक तापमान का गर्म मौसम

मार्च से मई

वर्षा

मानसूनी बरसात के महीने

जून से सितंबर

शरद

कम गर्मी और ठंड की शुरुआत वर्षा की समाप्ति

अक्टूबर से नवंबर

शिशिर

शीतल हवाएं

 

ठंडक का मौसम

उत्तर पूर्वी मानसून

दिसंबर से फरवरी

SCROLL FOR NEXT