लेख

जल ही जीवन है

Author : सुनील कुमार खण्डेलवाल

जल को विभिन्न भाषाओं में अलग-अलग नामों से जाना जाता है। लैटिन में इसे एक्वा, अंग्रेजी में वाटर, हिन्दी में जल या पानी, संस्कृत में पानीय या सलिल या अम्बु, मराठी व गुजराती में पाणी, बंगाली में जल, कन्नड़ में नीरू, तेलुगू में नीलू तथा फारसी में आब कहते हैं।

जल हमारे आहार का एक अनिवार्य पोषक तत्व है। जल केवल हमारी प्यास ही नहीं बुझाता बल्कि यह शरीर का सबसे बड़ा घटक है। हमारे शरीर के कुल वजन का लगभग 60 से 70 प्रतिशत जल है। नरम उत्तकों में जल की मात्रा 70 से 80 प्रतिशत और अस्थियों में 20 प्रतिशत होती है।जल हमारे आहार का एक अनिवार्य पोषक तत्व है। जल केवल हमारी प्यास ही नहीं बुझाता बल्कि यह शरीर का सबसे बड़ा घटक है। हमारे शरीर के कुल वजन का लगभग 60 से 70 प्रतिशत जल है। नरम उत्तकों में जल की मात्रा 70 से 80 प्रतिशत और अस्थियों में 20 प्रतिशत होती है। भोजन के बिना तो शायद हम कुछ दिन तक जीवित रह जाएँ पर जल के अभाव में अधिक दिन रहने की कल्पना भी करना कठिन है क्योंकि यह स्वयं तो आवश्यक पोषक तत्व है ही, अन्य पोषक तत्वों, जो इसमें घुलनशील हैं का भी वाहक बनकर उन पोषक तत्वों को शरीर के लिए उपलब्ध बनाने में इसकी भूमिका अति महत्त्वपूर्ण है। अतः जल हमारे जीवन के लिए नितान्त आवश्यक है। इसलिए कहा जाता है कि जल ही जीवन है।

शुद्ध जल के गुण

जल के दूषित होने के कारण

जल को शुद्ध रखने के उपाय

जल के कार्य

जल की दैनिक आवश्यकता

प्राप्ति के साधन

तालिका-1

: विभिन्न भोज्य पदार्थों में जल की उपस्थित मात्रा (प्रतिशत में)

भोज्य पदार्थ

जल की मात्रा

भोज्य पदार्थ

जल की मात्रा

बाजरा
12.4
आलू
74.7
जौ
12.5
मूली
94.9
मक्का
14.9
शकरकन्द
68.5
चावल
13.3
शलजम
91.6
गेहूँ साबुत
12.8
आँवला
81.8
गेहूँ का आटा
12.2
अंजीर
88.1
मैदा
13.3
सेव
84.6
हरा चना
10.4
केला
70.1
हरा मटर
72.9
अंगूर
82.2
सूखे मटर
16.0
अमरूद
81.7
राजमा
12.0
कटहल
76.2
सोयाबीन
8.1
नीम्बू
85.0
चौलाई का साग
90.1
मौसमी
88.4
बथुआ
89.6
खरबूजा
95.2
पालक
92.1
तरबूज
95.8
पत्ता गोभी
91.9
सन्तरा
87.6
फूलगोभी
80.0
सन्तरा रस
97.7
धनिया
86.3
पपीता
90.8
पुदीना
84.9
नाशपाती
86.0
चुकन्दर
87.7
अनानास
87.8
गाजर
86.0
अनार
78.0

जल की कमी का प्रभाव

जल की अधिकता का प्रभाव

जल का औषधीय महत्त्व

जल जाने पर

आँखों की रोशनी

बाल झड़ना

क्रोध

कब्ज

चोट

अनिद्रा

दस्त और उल्टी

थकान

गले में खराश

जुकाम

मोटापा

रक्तसंचार

(लेखक राजस्थान कृषि महाविद्यालय उदयपुर से सम्बद्ध हैं)

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