पौराणिक आख्यानों पर यकीन करें तो सदानीरा गंगा का सूखना कलयुग के आने का संकेत है। यह कलयुग है कि नहीं, हम यह नहीं कहते। पर गंगा की जिन धाराओं में नावें चलती थीं वहाँ अब रेत है और उस पर लोग कार और मोटरसाइकिलें दौड़ा रहे हैं। इस सच की गवाह हैं इलाहाबाद, कानपुर, अलीगढ़ से लेकर बनारस तक की तस्वीरें। यह चिंता तब और घनी हो जाती है जब गंगोत्री से गंगा सागर तक की यात्रा में कई सहायक नदियों का जल भी गंगा में मिल जाता है। बढ़ता तापमान, जमा होती सिल्ट, घाटों का अतिक्रमण जैसे कई मुद्दे भी सदानीरा को जल विहीन कर रहे हैं।
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