देहरादून!
राज्य के 92 में से 71 नगर ऐसे हैं, जहाँ तय मानक के अनुरूप पीने का पानी उपलब्ध नहीं है। सिर्फ 21 नगर ऐसे हैं, जहाँ मानक के अनुसार प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 135 लीटर पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। राज्य में पिछले कुछ सालों में सरकारों ने नगर पालिका, नगर पंचायतों की संख्या बढ़ाकर नगरों की संख्या बढ़ा दी है। पाँच साल पहले राज्य में सिर्फ 63 नगर थे। ये संख्या अब बढ़कर 92 हो गई है। सरकारों ने गाँवों को नगर तो बना दिया लेकिन मानक के अनुसार पीने के पानी का इंतजाम नहीं कर पा रही है।
1. मानक के अनुसार चाहिए 135 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन पानी
2. राज्य के कई नगरों में 17 लीटर प्रति व्यक्ति, प्रति दिन तक ही मिल पा रहा है पानी
राज्य में 21 नगर ऐसे हैं, जहाँ 135 लीटर प्रति व्यक्ति प्रति दिन के लिहाज से पानी मिल रहा है। इनमें नंदप्रयाग, गौचर, भीमताल, रामनगर, लालकुंआ, गूलरभोज, शक्तिनगर, कपकोट, देवप्रयाग, झबरेड़ा, हरिद्वार, लंढौरा, सतपुली, कोटद्वार, स्वर्गाश्रम जौंक, श्रीनगर, उत्तरकाशी, डोईवाला, ऋषीकेश, देहरादून, और विकासनगर शामिल हैं।
राज्य में पेयजल की मांग व उत्पादन में करीब 140 एमएलडी का अंतर है। राज्य के सभी नगरों को मानक अनुसार पानी देने के लिये 701 एमएलडी की पानी की जरूरत है। जबकि 561 एमएलडी पानी ही उपलब्ध है।
इन नगरों में गाँव से भी कम पानी | |
50 लीटर से कम वाले नगर | |
तिलवाड़ा | नौगाँव |
नानकमत्ता | सेलाकुई |
बेरीनाग | चम्पावत |
गजा | बनबसा |
लंबगाँव | थराली |
मंगलौर | पीपलकोटी |
शिवालिकनगर | रानीखेत |
पिरान कलियर | चिलियानौला |
भिकियासैंण |
राज्य की स्थायी राजधानी जिस गैरसैंण में बनाए जाने को लेकर आंदोलन हो रहे हैं, वहाँ प्रति व्यक्ति प्रतिदिन सिर्फ 27 लीटर पानी मिल रहा है। 12 हजार की आबादी वाले गैरसैंण में प्रतिदिन पानी की मांग 1.82 एमएलडी है। जबकि 0.32 एमएलडी पानी ही उपलब्ध है।
राज्य में जो नए निकाय बने हैं, उनमें ग्रामीण आबादी जोड़ी गई है। नए नगरों में मानक के अनुसार पानी देने के लिये वर्ल्ड बैंक से 900 करोड़ का प्रोजेक्ट मंजूर हो चुका है। इसके साथ ही नई योजनाएं भी तैयार की जा रही हैं।
-प्रकाश पंत, पेयजल मंत्री