पारदर्शिता को सुनिश्चित करने के लिये 100 प्रतिशत राशनकार्डों का डिजीटलीकरण कर दिया गया है तथा 71.13 प्रतिशत राशनकार्डों को आधार कार्ड से जोड़ा जा चुका है। 29 राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों में खाद्यान्नों का ऑनलाइन आवंटन आरम्भ हो चुका है। 19 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में कम्पयूटरीकृत आपूर्ति शृंखला शुरू की जा चुकी है। सतत प्रयासों के द्वारा लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली में उल्लेखनीय सुधार का प्रयास किया जा रहा है और इसे अधिक पारदर्शी तथा लीकप्रूफ बनाने की कोशिश हो रही है।
आजादी के सात दशक व्यतीत हो जाने और देश के उन्नत वैज्ञानिक तकनीकों से लैस हो जाने के बावजूद आबादी का बड़ा हिस्सा गरीबी और कुपोषण से ग्रस्त है। वैश्विक अनुमान के मुताबिक भारत की आबादी के एक चौथाई हिस्से को एक वक्त का ही भोजन प्राप्त होता है।
संयुक्त राज्य संघ की रिपोर्ट के अनुसार प्रतिवर्ष भारत में पाँच वर्ष से कम उम्र के लगभग दस लाख बच्चों की कुपोषण से मौत हो जाती है। दक्षिण एशिया में कुपोषण के मामले में भारत की सबसे बुरी हालत है। भारत के कुपोषण सम्बन्धित आँकड़े अन्तरराष्ट्रीय स्तर से कई गुना अधिक है। विश्व बैंक ने कुपोषण की तुलना ब्लैक डेथ नामक महामारी से की है। सामान्यतः कुपोषण को चिकित्सीय समस्या माना जाता है। जबकि वास्तव में कुपोषण सामाजिक, राजनैतिक व आर्थिक कारकों का परिणाम है। कुपोषित महिलाओं से पैदा होने वाले बच्चे भी कुपोषण और विकलांगता का शिकार हो जाते हैं। भारत में लगभग 47 फीसदी बच्चे कुपोषण का शिकार बताए जाते हैं। संतुलित आहार व स्वच्छता का अभाव कुपोषण का प्रमुख कारण है। समाज में व्याप्त आर्थिक असमानता और बढ़ती जनसंख्या के अनुपात में कृषि उत्पादकता असंतुलन के कारण देश का एक बड़ा हिस्सा भोजन जैसी अपनी मूलभूत आवश्यकता की पूर्ति भी नहीं कर पा रहा है। केंद्र सरकार ने इसी चुनौती से निपटने और समाज के गरीब एवं वंचित वर्ग को संतुलित आहार, उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एन.एफ.एस.ए.) लाया गया जोकि सितम्बर, 2013 को अधिसूचित किया गया हालाँकि ये 5 जुलाई 2013 से ही प्रभावी हो गया था।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 में देश के गरीब नागरिकों को राजकीय सहायता पर अनाज प्राप्त करने का कानूनी अधिकार है। इसके अंतर्गत सम्पूर्ण जनसंख्या के 79.56 प्रतिशत हिस्से को कवर किया गया है जिसमें ग्रामीण क्षेत्र की 75 प्रतिशत तथा शहरी क्षेत्र की 50 प्रतिशत आबादी को कवर किया गया है। योजना आयोग (वर्तमान में नीति आयोग) के वर्ष 2011-12 में एनएसएस पारिवारिक उपभोग सर्वेक्षण आँकड़ों का प्रयोग कर राज्यवार कवरेज का निर्धारण केंद्र सरकार द्वारा किया गया और राज्यवार ‘इनक्लूजन अनुपात’ भी उपलब्ध कराया गया है। अंत्योदय अन्न योजना (ए.ए.वाई.) में निर्धनतम परिवार को प्रतिमाह 35 किलोग्राम खाद्यान्न तथा गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले प्राथमिकता परिवार के प्रत्येक व्यक्ति को प्रतिमाह 5 किलोग्राम खाद्यान्न अर्थात चावल, गेहूँ और मोटा अनाज क्रमशः रुपये 3/2/1 प्रति किलोग्राम के राजसहायता प्राप्त मूल्य पर उपलब्ध कराए जाने का प्रावधान किया गया है।
भारत में कुपोषण व गरीबी की चुनौती से निपटने तथा आम जनमानस को खाद्य सुरक्षा प्रदान करने के लिये केंद्र सरकार द्वारा पारित राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 देश के सभी 36 राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों ने अपने-अपने राज्यों की पूर्ववर्ती खाद्यान्न वितरण योजना के स्थान पर लागू कर दिया है जिसके अंतर्गत राज सहायता पर प्रतिमाह 3/2/1 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से क्रमशः चावल/गेहूँ/मोटा अनाज का वितरण किया जा रहा है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत प्रत्येक राज्य द्वारा टीपीडीएस के अंतर्गत निर्धारित कवरेज के अंदर अंत्योदय अन्न योजना (एएवाई) में लागू दिशा-निर्देशों के अनुरूप और शेष प्राथमिकता परिवार चयन दिशा-निर्देशों के अनुरूप पात्र परिवारों की पहचान कर दो तरह के कार्ड निर्गत किये गये हैं। अति निर्धन को अंत्योदय कार्ड तथा गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले को प्राथमिकता परिवार (पीएचएच) कार्ड प्रदान किया गया है। खाद्य सुरक्षा कानून द्वारा राजसहायता पर खाद्यान्न उपलब्ध कराकर सरकार देश से भुखमरी और कुपोषण समाप्त करने का प्रयास कर रही है।
संविधान के भाग 4 में राज्य के नीति निदेशक तत्व के अनुच्छेद 47 में राज्य को पोषाहार-स्तर और जीवन-स्तर को ऊँचा करने तथा लोक स्वास्थ्य का सुधार करने का राज्य का कर्तव्य निर्धारित किया गया है जिसके क्रम में केंद्र व राज्य सरकारें स्वतंत्रता के बाद गरीबों को राजकीय सहायता पर खाद्यान्न प्रदान करने के लिये समय-समय पर ‘काम के बदले अनाज’, सार्वजनिक वितरण प्रणाली, अंत्योदय अन्न योजना, अन्नपूर्णा योजना जैसी अनेक लोक कल्याणकारी योजना चलाती रही है। परन्तु भ्रष्टाचार जन-जागरूकता के अभाव और राष्ट्रीय-स्तर पर खाद्य सुरक्षा कानून के अभाव के कारण गरीबों को इन योजनाओं का अपेक्षित लाभ नहीं मिल पा रहा था। केंद्र सरकार ने इस कानून द्वारा गरीबों को राज सहायता पर खाद्यान्न प्राप्त करने का अधिकारी बनाया।
सरकार का प्रमुख लक्ष्य सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत चिन्हांकित परिवारों को पात्रतानुसार रियायती दर पर खाद्य सामग्री का वितरण कराना तथा किसानों को उपज का सही मूल्य दिलाने हेतु समर्थन मूल्य पर खाद्यान्न का उपार्जन करना एवं उपभोक्ता हितों का संरक्षण करना है। कुछ तकनीकी आपत्ति के बाद नवम्बर 2016 में केरल व तमिलनाडु राज्य के राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून में शामिल होने के साथ ही देश के समस्त 36 राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों के लगभग 80 करोड़ लोग इस कानून के दायरे में आ गए। केंद्रीय खाद्यमंत्री श्री रामविलास पासवान ने बताया कि इस कार्यक्रम का सफलतापूर्वक संचालन करने के लिये प्रतिमाह केंद्र सरकार लगभग 11726 करोड़ रुपये या प्रतिवर्ष लगभग 140700 करोड़ रुपये की सहायता दे रही है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून का विभिन्न राज्यों में क्रियान्वयन एवं उपलब्धियों का विश्लेषण निम्नवत है-
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत जनसंख्या का कवरेज | |||||||||
क्र.सं. | राज्य/संघशासित प्रदेश | जनसंख्या (2011 की जनगणना) (लाख) | टीपीडीएस के तहत प्रतिशत कवरेज | कवर किये जाने वाले कुल व्यक्तियों की संख्या (लाख) | |||||
ग्रामीण | शहरी | कुल | ग्रामीण | शहरी | ग्रामीण | शहरी | कुल | ||
1 | नया आंध्र प्रदेश | 328.41 | 165.36 | 493.77 | 60.96 | 41.14 | 200.20 | 68.03 | 268.23 |
2 | अरुणाचल प्रदेश | 10.69 | 3.13 | 13.83 | 66.31 | 51.55 | 7.09 | 1.62 | 8.71 |
3 | असम | 267.81 | 43.89 | 311.69 | 84.17 | 60.35 | 225.41 | 26.49 | 251.90 |
4 | बिहार | 920.75 | 117.30 | 1038.05 | 85.12 | 74.53 | 783.74 | 87.42 | 871.16 |
5 | छत्तीसगढ़ | 196.04 | 59.37 | 255.40 | 84.25 | 59.98 | 165.16 | 35.61 | 200.77 |
6 | दिल्ली | 4.19 | 163.34 | 167.53 | 37.69 | 43.59 | 1.58 | 71.20 | 72.78 |
7 | गोवा | 5.51 | 9.06 | 14.58 | 42.24 | 33.02 | 2.33 | 2.99 | 5.32 |
8 | गुजरात | 346.71 | 257.13 | 603.84 | 74.64 | 48.25 | 258.78 | 124.06 | 382.85 |
9 | हरियाणा | 165.31 | 88.22 | 253.53 | 54.61 | 41.05 | 90.28 | 36.21 | 126.49 |
10 | हिमाचल प्रदेश | 61.68 | 6.89 | 68.57 | 56.23 | 30.99 | 34.68 | 2.13 | 36.82 |
11 | जम्मू और कश्मीर | 91.35 | 34.14 | 125.49 | 63.55 | 47.10 | 58.05 | 16.08 | 74.13 |
12 | झारखंड | 250.37 | 79.29 | 329.66 | 86.48 | 60.20 | 216.52 | 47.73 | 264.25 |
13 | कर्नाटक | 375.53 | 235.78 | 611.31 | 76.04 | 49.36 | 285.55 | 116.38 | 401.93 |
14 | केरल | 174.56 | 159.32 | 333.88 | 52.63 | 39.50 | 91.87 | 62.93 | 154.80 |
15 | मध्य प्रदेश | 525.38 | 200.60 | 725.98 | 80.10 | 62.61 | 420.83 | 125.59 | 546.42 |
16 | महाराष्ट्र | 615.45 | 508.28 | 1123.73 | 76.32 | 45.34 | 469.71 | 230.45 | 700.17 |
17 | मणिपुर | 20.22 | 8.34 | 28.56 | 88.56 | 85.75 | 17.91 | 7.15 | 25.06 |
18. | मेघालय | 23.69 | 5.95 | 29.64 | 77.79 | 50.87 | 18.43 | 3.03 | 21.46 |
19 | मिजोरम | 5.29 | 5.62 | 10.91 | 81.88 | 48.60 | 4.33 | 2.73 | 7.06 |
20 | नागालैंड | 14.07 | 5.74 | 19.81 | 79.83 | 61.98 | 11.23 | 3.56 | 14.79 |
21 | ओडीशा | 349.51 | 69.96 | 419.47 | 82.17 | 55.77 | 287.19 | 39.02 | 326.21 |
22 | पंजाब | 173.17 | 103.87 | 277.04 | 54.79 | 44.83 | 94.88 | 46.57 | 141.45 |
23 | राजस्थान | 515.40 | 170.81 | 686.21 | 69.09 | 53.00 | 356.09 | 90.53 | 446.62 |
24 | सिक्किम | 4.56 | 1.52 | 6.08 | 75.74 | 40.36 | 3.45 | 0.61 | 4.07 |
25 | तमिलनाडु | 371.89 | 349.50 | 721.39 | 62.55 | 37.79 | 232.62 | 132.08 | 364.69 |
26 | तेलंगाना | 234.71 | 118.18 | 352.89 | 60.96 | 41.14 | 143.08 | 48.62 | 191.70 |
27 | त्रिपुरा | 27.10 | 9.61 | 36.71 | 74.75 | 49.54 | 20.26 | 4.76 | 25.02 |
28 | उत्तर प्रदेश | 1551.11 | 444.70 | 1995.81 | 79.56 | 64.43 | 1234.06 | 286.52 | 1520.59 |
29 | उत्तराखंड | 70.26 | 30.91 | 101.17 | 65.26 | 52.05 | 45.85 | 16.09 | 61.94 |
30 | पश्चिम बंगाल | 622.14 | 291.34 | 913.48 | 74.47 | 47.55 | 463.31 | 138.53 | 601.84 |
31 | अंडमान एवं निकोबार | 2.44 | 1.36 | 3.80 | 24.94 | 1.70 | 0.61 | 0.02 | 0.63 |
32 | चंडीगढ़ | 0.29 | 10.26 | 10.55 | 38.54 | 47.26 | 0.11 | 4.85 | 4.96 |
33 | दादर एवं नगर हवेली | 1.83 | 1.60 | 3.43 | 84.19 | 51.54 | 1.54 | 0.82 | 2.36 |
34 | दमन एवं दीव | 0.60 | 1.83 | 2.43 | 26.66 | 56.47 | 0.16 | 1.03 | 1.19 |
35 | लक्षद्वीप | 0.14 | 0.50 | 0.04 | 35.30 | 33.56 | 0.05 | 0.17 | 0.22 |
36 | पुदुच्चेरी | 3.94 | 8.50 | 12.44 | 59.68 | 46.94 | 2.35 | 3.99 | 6.34 |
कुल | 8332.10 | 3771.18 | 12103.28 | 75.00 | 50.00 | 6249.30 | 1885.61 | 8134.92 | |
स्रोत : उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय, खाद्य और वितरण, भारत सरकार |
(लेखक खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन, आगरा में अभिहित अधिकारी हैं।), ई-मेल - dewashishupadhy@gmail.com