चम्पावत के वन में आग की एक तस्वीर 
लेख

चम्पावत में छह सालों में 466 हेक्टेयर वन क्षेत्र ख़ाक

Author : इंडिया वाटर पोर्टल

जंगलों में आग लगने की घटनाएं साल दर साल बढ़ती जा रही हैं। बीते छह साल में वनाग्नि की 263 घटनाओं में 466 हेक्टेयर वन क्षेत्र स्वाहा हो चुका है। चम्पावत वन प्रभाग के तहत कुल 65980 हेक्टेयर रिजर्व फॉरेस्ट है। सबसे ज्यादा वन क्षेत्र चीड़ का है। यहां चीड़ बाहुल्य वन क्षेत्र 36675 हेक्टेयर है। 19009 हेक्टेयर साल और 20294 हेक्टेयर देवदार वन क्षेत्र है। चम्पावत की 738 वन पंचायतों में करीब 38 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में पंचायती वन हैं।

बारिश भी नहीं बुझा स्की ट्रंचिंग ग्राउंड में लगी आग

बीते कुछ दिनों में अस्थाई ट्रंचिंग ग्राउंड में सुलग रही आग बारिश के बाद भी नहीं बुझ सकी है। आग से उठने वाले विषैले धुंए से ओगों का जीना मुहाल हो गया है। स्थानीय लोगों ने पालिका से आग बुझाने की मांग की है। 

झूलाघाट के जंगलों में भी लगी आग 

क्षेत्र के लमतड़ा और जामिरपानी के जंगलों में आग धधक रही है। धू-धूकर जल रहे जंगलों में लाखों की वन संपदा ख़ाक हो गई है। वन्य जीवों के अस्तित्व पर संकट के बादल छा गए हैं। धुंए से लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है।

वनाग्नि की घटना में हर साल बढ़ोतरी चुनौती बन रहा है। ग्रामीणों का सहयोग मिलने, पर्याप्त स्टाफ और समय पर धनराशि मिलने से वनाग्नि की घटनाओं में कमी लाई जा सकती है। 

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केसी तिवारी

आंकड़ों में आग की घटनाएं 

वर्ष                             आग लगने की घटना

2014                          15

2015                          13

2016                          62

2017                          34

2018                          84

2019 (अभी तक)         55

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