जीआईसी रोड और कनलगांव क्षेत्र पेयजल संकट के नजरिए से संवेदनशील बने हुए हैं। दोनों क्षेत्रों में पेयजल का गंभीर संकट बना हुआ है। हालात से निपटने के लिए जल संस्थान इन क्षेत्रों में हर दिन टैंकर के जरिए चार बार पेयजल आपूर्ति कर रहा है। बावजूद इसके लोगों की पानी की जरूरत पूरी नहीं हो पा रही हैं।
गर्मी बढ़ने के साथ ही पेयजल संकट लगातार बढ़ रहा है। जिला मुख्यालय में नौ स्थानों को पेयजल संकट के नजरिए से संवेदनशील घोषित किया गया है। संवेदनशील क्षेत्रों में तल्लीहाट, मल्लीहाट, मोटर स्टेशन, मादली, जूप, गोरलचौड़, भैरहवां, जीआईसी रोड और कनलगाँव शामिल किए गए हैं। इनमें से कनलगांव और भैरहवां में पेयजल का गंभीर संकट बना हुआ है।
यहां जल संस्थान हर दिन तीन हजार लीटर क्षमता के टैंकरों से चार बार पेयजल आपूर्ति कर रहा है। विभाग के जेई किशोर पंत ने बताया कि पेयजल संकट से जूझ रहे क्षेत्रों में टैंकर से पेयजल आपूर्ति की जा रही है। इसके अलावा रोडवेज परिसर और जिला अस्पताल में टैंकर से पेयजल दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि स्रोत में गिरावट आने से पेयजल आपूर्ति में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
नगर पंचायत सभागार में चेयरमैन गोविंद वर्मा की बैठक में आयोजित बैठक में एसडीएम शिप्रा जोशी ने नगर की पेयजल समस्या और जाम से निजात पाने के लिए अधिकारियों के साथ वार्ता की। नपं अध्यक्ष वर्मा ने बताया कि नगर में पेयजल की भारी किल्लत बनी हुई है। उन्होंने टैंकरों के जरिए मेन टैंक में पानी डलवाकर हर दूसरे दिन जलाशय बनाने की मांग की। साथ ही, सप्ताह में चार दिन लोगों को पेयजल उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
उन्होंने पेयजल लाइनों में टुल्लू पंप लगाने वाले लोगों के खिलाफ विद्युत, पुलिस, नगर पंचायत, राजस्व, जल संस्थान की टीम बनाकर कार्रवाई के निर्देश दिए। एसडीएम ने कहा कि यातायात व्यवस्था को बाधित करने वाले, नो पार्किंग जोन में खड़े वाहनों को क्रेन से उठाकर उन्हें थाने में जमा कर संग्रह करने के निर्देश दिए गए हैं। बैठक में भुवन बाग, राज किशोर साह, बीना कनौजिया, दीपा गोस्वामी, मीना ढेक, नव नाथ, दीपक साह, पवन बिष्ट, हरीश चंदोला, चंद्र पांडेय, चारू चंद्र ओवै मौजूद रहे।