परिणामस्वरूप ये सब चीजें उस वातावरण का हिस्सा बन जाती हैं, जिनमें हम जीते हैं, जिससे हमारी जीवन स्थितियों पर प्रभाव पड़ता है। इसलिये यह महत्त्वपूर्ण है कि पर्यावरण तथा वित्त सम्बन्धी बढ़िया योजनाओं की खोज की जाए। साथ ही भवनों के बुनियादी ढाँचे तथा डिजाइनों में भी खोज को प्रोत्साहित करने हेतु नई तकनीकों का प्रयोग किया जाए।
ग्रीन बिल्डिंग का अर्थ एक ऐसे निर्मित ढाँचे तथा संसाधनों से भरपूर एक ऐसे भवन से है जो पर्यावरण प्रेमी होता है। जिसके निर्माण, रखरखाव, नवीकरण तथा ध्वस्त होने का वातावरण पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता। एक सस्टेनेबल बिल्डिंग का अर्थ एक ऐसा भवन है, जिसमें साइट, डिजाइन, बिल्डिंग, इसकी अवधि, रखरखाव तथा इसके ध्वस्त होने की प्रक्रिया ऐसे तरीके से की जाती है, जो इसके मालिकों, इसमें रहने वालों और सोसाइटी को एक समुच्चय के तौर पर दीर्घकालिक लाभ देता है।
ग्रीन बिल्डिंग का चलन एक ग्लोबल ट्रेंड के तौर पर बहुत ऊँचा जा रहा है। वर्ल्ड ग्रीन बिल्डिंग ट्रेंड्स सर्वे के अनुसार 51 प्रतिशत फर्में अपने काम के 60 प्रतिशत को स्थिरता प्रदान करने के प्रति प्रतिबद्ध है। ग्रीन बिल्डिंग्स ऐसी क्रियाओं, कौशलों तथा तकनीकों का शानदार प्रदर्शन है, जिनका वातावरण तथा मानवीय स्वास्थ्य पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता। ग्रीन बिल्डिंग्स नवीकरण योग्य संसाधनों को महत्त्व देती हैं। उदाहरण के लिये सोलर तथा फोटो वोल्टायक उपकरणों के माध्यम से सूर्य की रोशनी का प्रयोग करना। साथ ही हरित छतों में पौधों तथा वृक्षों को लगाना, वर्षा के पानी के बहाव को कम करना और रेन गार्डंस बनाना। कई अन्य तकनीकें भी हैं, जैसे कम प्रभाव वाला बिल्डिंग मैटीरियल या एसफाल्ट की बजाय परम्परागत कंक्रीट किया जाता है। ग्रीन बिल्डिंग्स को आधुनिक टेक्नोलॉजी जैसे सोलर शीट्स तथा महँगे रीसायकल योग्य उत्पादों की जरूरत नहीं होती।
ग्रीन बिल्डिंग डेवलपमेंट का उद्देश्य देश में लम्बे समय तक चलने वाले निर्माणों के प्रति जागरुकता पैदा करना तथा इसके साधनों की खोज करना है। इसके साथ ही उन चुनौतियों की पहचान करना भी इसमें शामिल हैं, जो ग्रीन बिल्डिंग की अवधारणा को लागू करने में सामने आती हैं। ग्रीन हाउसिंग के बहुत से लाभ हैं, जिनमें पूरी तरह व्यवहार में लाए जाने वाले ऊर्जा के खर्चे, भवन के अन्दर हवा की बढ़िया गुणवत्ता, भवन के अन्दर की पारिस्थितिकी का शानदार होना, दिन के समय भवन में बेहतर रोशनी होना तथा भवन में रहने वालों की फिटनेस और खुशनुमा जिन्दगी।
बिल्डरों के लिये ग्रीन होने का अर्थ यह है कि वे अपने प्राथमिक खर्चों से परे देखें, साथ ही उन कारकों को भी ध्यान में रखें जो दीर्घकाल के लिये बचत करवाने योग्य हों, जिनसे पर्यावरण तो सुरक्षित रहे ही साथ ही भवन में रहने वाले लोगों को स्वास्थ्य तथा सामुदायिक लाभ मिल सकें। हाल के वर्षों में ग्रीन बिल्डिंग्स के निर्माण में प्रत्यक्ष खर्चों में कमी आई है क्योंकि बाजार में वैकल्पिक टेक्नोलॉजी के सस्ते खर्चों का ज्ञान बड़ा है।
बिल्डिंग्स, बुनियादी ढाँचा तथा वातावरण एक-दूसरे से अच्छी तरह जुड़े हुए हैं। मैटीरियल, ऊर्जा, पानी तथा भूमि ग्रीन बिल्डिंग्स के निर्माण तथा बुनियादी ढाँचे में इस्तेमाल किए जाते हैं।
परिणामस्वरूप ये सब चीजें उस वातावरण का हिस्सा बन जाती हैं, जिनमें हम जीते हैं, जिससे हमारी जीवन स्थितियों पर प्रभाव पड़ता है। इसलिये यह महत्त्वपूर्ण है कि पर्यावरण तथा वित्त सम्बन्धी बढ़िया योजनाओं की खोज की जाए। साथ ही भवनों के बुनियादी ढाँचे तथा डिजाइनों में भी खोज को प्रोत्साहित करने हेतु नई तकनीकों का प्रयोग किया जाए।