इस बात से शायद ही कोई इन्कार करेगा कि जैव विविधता का सरंक्षण आज के समय की मांग है। पर इस बात पर कोई एकमत नहीं है कि इसे कैसे किया जाए।
मूल रूप से संरक्षण क्रियाएं दो प्रकार की हो सकती हैं - ‘इन-सीटू’ एवं ‘एक्स-सीटू’ संरक्षण। इन-सीटू से तात्पर्य है, ”इसके वास्तविक स्थान पर या इसके उत्पत्ति के स्थान तक सीमित।“ इन-सीटू संरक्षण का एक उदाहरण आरक्षित या सुरक्षित क्षेत्रों का गठन करना है। एक्स-सीटू संरक्षण की कोशिश का उदाहरण एक जर्मप्लाज्म बैंक या बीज बैंक की स्थापना करना है।
संरक्षण योजना की दृष्टि से इन-सीटू संरक्षण प्रयासों को बेहतर माना जाता है। परन्तु कई बार इस प्रकार का संरक्षण कार्य किया जाना संभव नहीं होता है। उदाहरण के लिए यदि किसी प्रजाति का प्राकृतिक आवास पूरी तरह नष्ट हो गया हो तो एक्स-सीटू संरक्षण प्रयास, जैसे एक प्रजनन चिडि़याघर का गठन, अधिक आसान होगा। वास्तव में एक्स-सीटू संरक्षण इन-सीटू संरक्षण को सहायता प्रदान करने में महत्वपूर्ण है।
तो, क्या सब कुछ समाप्त हो चुका है? या हमारे पास अभी भी जैव विविधता को बनाए रखने के लिए एक मौका बाकी है। इस विषय की शुरूआत करने के लिए इस दिशा में इन्सानी कोशिशों को देखना बेहतर होगा।
क्र. सं.
| नाम
| स्थापना दिनांक
| क्षेत्रफल (वर्ग कि.मी. में)
| स्थिति
|
1
| अचानकामर - अमरकंटक | 2005 | 3835.51 (अभ्यन्तर 551.55 एवं मध्यवर्ती 3283.86) | म.प्र. के अनूपुर और डिंडोरी जिलों और छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के कुछ भागों को मिलाकर बना है। |
2
| अगस्त्यमलाई | 12.11.2001 | 1701 | केरल की नेय्यार, पेप्पारा और शेन्डर्नी वन्यजीव अभ्यारण्य और उनके आसपास का क्षेत्र। |
3
| देहांग-दिबांग | 02.09.1998 | 5111.50 (अभ्यन्तर 4094.80 एवं मध्यवर्ती 1016.70) | अरूणाचल प्रदेश की सियांग और दिबांग घाटियों का भाग। |
4
| डिब्रू-साइखोवा | 28.07.1997 | 765 (अभ्यन्तर 340 एवं मध्यवर्ती 425) | डिब्रूगढ़ और तिनसुकिया जिलों (असम) के कुछ हिस्से। |
5
| ग्रेट निकोबार | 06.01.1989 | 885 (अभ्यन्तर 705 एवं मध्यवर्ती 180) | अण्डमान एवं निकोबार के सबसे दक्षिणी द्वीप। |
6
| मन्नार की खाड़ी | 18.02.1989 | 10500-खाड़ी का कुल क्षेत्र (द्वीपों का क्षेत्रफल 5.55) | भारत और श्रीलंका के मध्य मन्नार की खाड़ी का भारतीय हिस्सा (तमिलनाडु)। |
7
| कंचनजंघा | 07.02.2000 | 2619.92 (अभ्यन्तर 1819.34 एवं मध्यवर्ती 835.92) | कंचनजंघा पहाड़ों और सिक्किम के भाग। |
8
| मनास | 14.03.1989 | 2837 (अभ्यन्तर 391 एवं मध्यवर्ती 2446) | कोकराझार, बोंगईगांव, बारपेटा, नलबरी, काम्परूप और दरांग जिलों (असम) के भाग। |
9
| नन्दा देवी | 18.01.1988 | 5860.69 (अभ्यन्तर 712.12 एवं मध्यवर्ती 5148.570 तथा परिवर्ती 546.34) | उत्तरांचल के चमोली, पिथौरागढ़ एवं बागेश्वर जिलों के हिस्से। |
10
| नीलगिरी | 01.09.1986 | 5520 (अभ्यन्तर 1240 एवं मध्यवर्ती 4280) | वायानाड, नागरहोल, बान्दीपुर एवं मधुमलाई, नीलाम्बर, साइलेन्ट घाटी तथा सिरूवनी पहाड़ (तमिल नाडु, केरल एवं कर्नाटक) |
11
| नोकरेक | 01.09.1988 | 82 (अभ्यन्तर 47.48 एवं मध्यवर्ती 34.52) | मेघालय के गारो पहाड़ों के भाग। |
12
| पचमढ़ी | 03.03.1999 | 4926 | मध्य प्रदेश के बैतूल, होशंगाबाद एवं छिन्दवाड़ा जिलों के भाग। |
13
| सिमलीपाल | 21.06.1994 | 4374 (अभ्यन्तर 845 एवं मध्यवर्ती 2129 और परिवर्ती 1400) | उड़ीसा के मयूरगंज जिले का हिस्सा। |
14 | सुन्दरवन | 29.3.1989 | 9630 (अभ्यन्तर 1700 एवं मध्यवर्ती 7900) | गंगा और ब्रह्मपुत्रा नदी तंत्रों के डेल्टा का भाग। (पश्चिम बंगाल)। |