सरकार द्वारा परिवार नियोजन के क्षेत्र में वृहत कार्यक्रम क्रियान्वित है। उसी तरह का क्रियान्वयन खाद्यान्न उत्पादन के लिये भी होना चाहिए। एक ओर जहाँ जनसंख्या में कमी करने की आवश्यकता है वहाँ दूसरी ओर कहीं उससे भी बढ़कर खाद्यान्न बढ़ोत्तरी की आवश्यकता है।