भोपाल। प्रदेश की जीवनदायिनी नर्मदा में अब रेत खनन पर रोक लगा दी गई है। सरकार आईआईटी खड़गपुर से अध्ययन कराएगी कि नर्मदा में कहाँ रेत खनन होना चाहिए और कहाँ नहीं। जब तक इसकी रिपोर्ट नहीं आती, तब तक नर्मदा में खनन पूर्णतः बन्द रहेगा।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार यह घोषणा की। सीएम ने कहा कि सरकार नर्मदा को संरक्षित करने और पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुँचे, इसके लिये नर्मदा में खनन को अस्थाई रूप से बन्द कर रही है। उन्होंने कहा कि खनिज एवं उद्योग मंत्री राजेंद्र शुक्ल की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई है। इसमें आईआईटी खड़गपुर के एक्सपर्ट रखे गए हैं। इस कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद ही नर्मदा में खनन शुरू हो पाएगा।
सीएम ने यह भी ऐलान किया कि नर्मदा के अलावा भी अन्य सभी नदियों में मशीनों से खनन नहीं हो सकेगा। जहाँ भी नदियों में मशीनों से खनन पाया जाता है, तो उसे जब्त कर दिया जाएगा। इसके अधिकार कलेक्टर्स को दे दिए गए हैं।
सरकार ने नर्मदा में खनन बंद करने का ऐलान तब किया है। जब एनजीटी के नियमानुसार खनन बन्द होने में महज आठ दिन ही बचे हैं। एक जून से वर्षाकाल के कारण यूँ भी नदियों में रेत खनन बंद हो जाता है। वर्षाकाल के चार माह बाद फिर खनन शुरू हो पाता है।
कमेटी में मंत्री शुक्ल के अलावा एसीएस इकबाल सिंह बैंस, एनवीडीए के एसीएस या उनके प्रतिनिधि, नगरीय प्रशासन पीएस व जल संसाधन पीएस सदस्य रहेंगे।
सदस्य सचिव के रूप में सचिव खनिज होंगे। एक्सपर्ट में आईआईटी खड़गपुर के प्रो. अभिजीत मुखर्जी व प्रो. के पाठक, आईआईटी रूड़की से प्रो. नवीन शर्मा और आईआईटी दिल्ली से एके गोसाई व बीयू भोपाल से प्रदीप श्रीवास्तव पर्यावरण एचओडी रहेंगे।
“वर्षाकाल के कारण यूँ ही एक जून से खनन बंद हो जाता है, फिर सरकार के ऐलान का मतलब क्या है? एनजीटी के डर से सरकार नौटंकी कर रही है।”
अजय सिंह, नेता प्रतिपक्ष
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार अब पत्थर से रेत बनाने को मंजूरी देगी। इस मैन्यूफैक्चरिंग सीमेंट व रेत के लिये तीन साल तक कोई रॉयल्टी नहीं लगेगी। यह नदियों से निकाली जाने वाली रेत का विकल्प हो सकती है। हमें इस विकल्प को देखना होगा। सीएम ने यह भी कहा कि 2 जुलाई को 6 करोड़ पौधे रोपे जाएँगे और 5 जुलाई से पौधारोपण का अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने नर्मदा के किनारे पाँच किमी तक शराबबन्दी के कदम की भी जानकारी दी।
रेत खनन पर रोक के ऐलान पर पूर्व मंत्री व भाजपा नेता कमल पटेल ने कहा कि होशंगाबाद, सीहोर, देवास और हरदा के कलेक्टर-एसपी और इन जिलों के सम्भागीय आयुक्त बदले जाने चाहिए। पत्रिका से बातचीत में पटेल ने कहा कि पारदर्शिता के लिये जाँच को फेसबुक पर लाइव हो। उन्होंने अपनी जान का खतरा भी बताया।
- 150 से ज्यादा रेत की वैध खदानें नर्मदा में
- 250 करोड़ तक विभाग को राजस्व मिलता है
1000 करोड़ तक राजस्व अनुमान माना जाता |
यह होगा असर |
रेत के दामों में उछाल तय |
आम लोगों को पक्का घर बनाने में खर्च बढ़ेगा |
उत्तर प्रदेश में इसी तरह के निर्णय से रेत के दाम चार गुना तक बढ़े, ऐसा प्रदेश में भी होने की आशंका |
रेत का पहले से ही स्टॉक रखने वाले बिल्डरों पर खास असर नहीं होगा |
इन्हें होगा लाभ |
रेत का स्टॉक रखने वाले मुनाफाखोरी कर सकते हैं |
पत्थर से सीमेन्ट व रेत बना रहे कारोबारियों के लिये सम्भावनाएँ बढ़ जाएँगी |
बड़ी मात्रा में रेत भंडारण करने वाले ठेकेदार दाम बढ़ाकर बचेंगे |
बिल्डर नए प्रोजेक्ट रोकेंगे, घर के दाम बढ़ा सकते हैं |