लेख

ओले कैसे बनते हैं

इंडिया वाटर पोर्टल

कई बार बारिश के समय पानी की बूंदों के साथ बर्फ के आकार के छोटे-छोटे गोले भी गिरते हैं। जिन्हें हम ओले कहते है।जैसे-जैसे हम सागर की सतह से ऊपर उठते हैं तो वैसे वैसे तापमान कम होता रहता है कई बार वह शून्य से कई डिग्री तक भी कम हो जाता है चाहे धरती पर कितना भी तापमान हो। इसीलिए अकसर देखा गया है कि  लोग गर्मियों में पहाड़ो पर जाना पसंद करते है।

पानी को जमा देने वाली हवा में मौजूद नमी से पानी छोटे-छोटे बूंदों पर तब्दील हो जाता है। और इन जमी हुई बूंदों पर पानी और जम जाता है और फिर यह धीरे-धीरे बर्फ के गोले के रूप में बदल जाता है। 

जब यह भारी हो जाते हैं तो यह गिरने लगते हैं । गिरते समय यह गर्म हवा के संपर्क में आ जाते हैं और इससे वह बूंदों में बदल जाते हैं और जो गोले अधिक मोटे होते हैं विकल नहीं पाते हैं वह बर्फ के गोले की तरह धरती पर गिरते हैं नहीं हम ओले कहते हैं।

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