रिस्पना टू ऋषिपर्णा मिशन के तहत जिलाधिकारी डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव ने अधिकारियों को रिस्पना में मूल स्वरूप की जानकारी मांगी है। उन्होंने एडीएम प्रशासन से कहा है कि वे राजस्व रिकॉर्ड में रिस्पना की वास्तविक चौड़ाई व गहराई की जानकारी कर 15 दिनों में रिपोर्ट प्रस्तुत करें। इसके साथ ही उन्होंने सभी विभागों को अपने-अपने स्तर के काम में तेजी लाने के निर्देश भी दिए।
डीएम ने सभी विभागों की प्लान बनाकर 15 दिनों में होने वाली बैठक में उपस्थित होने को कहा है। इस प्लान में नदी के मूलस्वरूप व वर्तमान स्थिति, प्लांटेशन, स्थाई व तात्कालिक साफ-सफाई, सीवर ट्रीटमेंट, नदी में गिरने वाले नालों की रोकथाम आदि शामिल होंगे। इनमें खर्च होने वाले धन और सामग्री की आवश्यकता भी इस प्लान में शामिल करने को कहा है। उन्होंने प्लान को आवश्यकता ओर परिणाम पर आधारित बनाने को कहा। जोर दिया कि पहला काम नदी की वास्तविक समस्याओं को ठीक से समझकर उसका निदान करना है। इस पर आने वाले खर्च और विभिन्न विभागों व एजेंसियों द्वारा विभागीय स्तर पर सामूहिक तरीकों से प्लान तैयार किया जाए। बैठक में डीएफओ राजीव धीमान, मसूरी कहशां नसीम एडीएम प्रशासन रामजीशरण शर्मा, सिटी मजिस्ट्रेट अनुराधा पाल, जिला विकास अधिकारी प्रदीप पांडेय आदि उपस्थित रहे।
जिलाधिकारी ने प्लांटेशन की रिपोर्ट और बचे हुए पौधों का भी विवरण लिया। उन्होंने प्लांटेशन में बरगद और पील जैसे जल्दी सरवाइव होने वाले और पर्यावरण हितैषी वृक्षों को वरीयता देने को कहा। ये पौधे ऐसे हैं जिन्हें न तो ज्यादा जल की आवश्यकता होती है और न ही बहुत अधिक देखभाल की। इसके साथ ही ये पर्यावरण को सबसे ज्यादा लाभान्वित करते हैं।
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