जब मैं केन्द्रीय भूजल बोर्ड का अध्यक्ष रहा उस समय CGWB ने यमुना के इन जलजनित क्षेत्र का विस्तृत अध्ययन किया था और उसके अनुसार इन मैदानों का रक्षण करना बेहद जरूरी है और 2 सितम्बर 2000 को एक अधिसूचना जारी करके यह स्पष्ट किया गया था कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में स्थित यमुना का बाढ़जनित इलाका एक विशिष्ट अधिसूचित क्षेत्र है, तथा इस इलाके में किसी भी प्रकार के निर्माण, संरचना निर्माण अथवा अन्य प्रकार की ड्रिलिंग आदि प्रतिबन्धित रहेगी। इसी प्रकार इस क्षेत्र में भूजल का दोहन सिर्फ़ पीने के पानी और घरेलू उपयोग हेतु संरक्षित रहेगा। - डी के चड्ढा (पूर्व अध्यक्ष - केन्द्रीय भूजल बोर्ड )