वर्षावन विश्व स्तरीय पारिस्थितिकी तंत्र (Ecosystem) के लिए महत्वपूर्ण हैं। वर्षावन:
वर्षावन वातावरण से कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करके विश्व के जलवायु को स्थिर बनाने में मदद करते हैं। ऐसा माना जाता है कि वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड की अधिक मात्रा ग्लोबल वार्मिंग के माध्यम से जलवायु परिवर्तन में योगदान देती है। इसलिए वर्षावन ग्लोबल वार्मिंग के समाधान में महत्वपूर्ण है।
वर्षावन वर्षा लाने में और तापमान को औसत को बनाने में मदद करते हैं, इस प्रकार से स्थानीय मौसम की स्थिति को प्रभावित करते हैं।
वर्षावन में बड़ी संख्या में दुनिया के पौधे और जानवरों की प्रजातियां पायी जाती हैं, ये कई लुप्तप्राय प्रजातियों के भी आवास स्थान हैं। क्योंकि वनों को काटा जा रहा है, कई प्रजातियां विलुप्त होने के कगार पर पहुँच गयी हैं। कुछ वर्षावन प्रजातियां केवल उनके प्राकृतिक आवास में ही जीवित रह सकती हैं। चिड़ियाघर सभी जानवरों को नहीं बचा सकते हैं।
वर्षावन जल चक्र को बनाए रखने में मदद करते हैं। अमेरिका के भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के अनुसार, 'जल चक्र जो हाइड्रोलोजिक साइकल के नाम से भी जाना जाता है, पृथ्वी की सतह पर, इसके ऊपर, और इसके नीचे जल की निरंतर गतियों का वर्णन करता है।'
जल चक्र में वर्षावन की भूमिका है, वाष्पोत्सर्जन की प्रक्रिया के माध्यम से वातावरण में जल को मुक्त करना। (जहां वे प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया के दौरान अपनी पत्तियों से पानी को मुक्त करते हैं)। यह नमी वर्षा के बादलों के निर्माण में योगदान देती है जो वर्षावन में जल को फिर से मुक्त कर देते हैं। अमेज़न (Amazon) में, पारिस्थितिकी तंत्र (Ecosystem) का जल चक्र 50-80% नमी को बरकरार रखता है।
जब जंगलों को काट दिया जाता है, वातावरण में जाने वाली नमी की मात्रा कम हो जाती है, और इससे वर्षा में कमी आती है और कभी कभी सूखा पड़ जाता है।
वर्षावन के पेड़ों और वनस्पति की जड़ें मिटटी को बांधने में मदद करती हैं। जब पेड़ों को काट दिया जाता है, तो भूमि की सुरक्षा के लिए कुछ नहीं रह जाता है, और वर्षा के साथ मिट्टी का क्षरण होने लगता है। मिट्टी के क्षरण की यह प्रक्रिया अपरदन या कटाव कहलाती है।
यह मिट्टी पानी के साथ बह कर नदियों में चली जाती है और मछलियों व लोगों के लिए समस्या का कारण बनती है। पानी गंदला हो जाने के कारण मछलियों को परेशानी होती है, उथले जलमार्ग से होकर जाने वाले लोगों को भी नाव चलने में समस्या का सामना करना पड़ता है,क्योंकि पानी में धूल की मात्रा के बढ़ जाने के कारण पानी धुंधला हो जाता है। साथ ही किसान शीर्ष मृदा को गवां देते हैं जो फसलों को उगने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।