यह प्रपात हनुमना तहसील में गोरमा नदी पर है तथा हनुमना कस्बा से 15 किलोमीटर की दूरी पर बिल्कुल मैदानी भूमि में स्थित है। इसकी ऊँचाई 334 फुट है। गोरमा नदी, गोयला, नामक काया की एक गली से जन्म लेती है जो आगे चलकर 40 किलोमीटर की दूरी तय कर बैलोही जल प्रपात में परिवर्तित हो जाती है। इस प्रपात को स्थानीय बघेली बोली में छोड़ का कूड़ा भी कहते हैं।
बैलोही जलप्रपात देखने में हरा प्रतीत होता है। जो डरावना भी लगता है। इस प्रपात को चारों दिशाओं में घूमकर एवं परिवर्तित की परिक्रमा कर देखा जा सकता है। जब गोरमा नदी में बाढ़ आ जाती है तो यहाँ का दृश्य बड़ा मनोरम लगता है। यहाँ प्रतिवर्ष जनवरी में मकर संक्रांति पर एक मेला भी लगता है।