किसी भी खतरे से बचने का सबसे सरल तरीका यह है कि हमें समय रहते पता चल जाये कि कब, कहाँ, क्या व कितना बड़ा होने वाला है और वैसा होने से पहले हम खतरे की सीमा से दूर चले जायें या फिर कुछ ऐसा करें जिससे या तो वह खतरा टल जाये या फिर उसका हम पर ज्यादा प्रभाव न पड़ पाये।
जरा सोचिये! यदि कोई पहले से बता दे कि कल शाम तीन बजे आपके शहर या गाँव के पास रिक्टर पैमाने पर 6.8 परिमाण का भूकम्प आने वाला है। ऐसे में आप क्या करेंगे? भूकम्प आने से पहले निश्चित ही आप और बाकी सभी लोग स्वयं ही सुरक्षित स्थानों पर चले जायेंगे। जो नहीं जायेंगे उनके साथ जबर्दस्ती भी की जा सकती है। नियत समय पर भूकम्प आयेगा और उससे संरचनाओं और घरों का जो नुकसान होना होगा हो जायेगा।
अब अगर आपको पता चल जाये कि आपके ऑफिस में बम लगा है तो आप क्या करेंगे? शायद पुलिस या बम स्क्वाड बुलायेंगे ताकि बम को निष्क्रिय किया जा सके या फटने से पहले बम को कहीं दूर ले जाया जा सके। अगर ऐसा न हो पाये तो आप निश्चित ही ऑफिस को खाली करके सुरक्षित स्थान पर चले जायेंगे। आपदा के साथ भी ठीक यही लागू होता है। |
हालाँकि ज्यादातर वैज्ञानिक जानवरों के द्वारा भूकम्प का पूर्वाभास किये जाने पर विश्वास नहीं करते हैं परन्तु भूकम्प के पहले जानवरों के अस्वाभाविक व्यवहार के ऐतिहासिक अभिलेख उपलब्ध हैं। ईसा पूर्व 375 में ग्रीस के हेलिस शहर में आये भूकम्प से कुछ दिन पूर्व चूहों, साँपों सहित अन्य जानवरों ने शहर छोड़ दिया था। |
पार्कफील्ड प्रयोग अमेरिका के कैलीफोर्निया प्रान्त में स्थित लॉस एंजिलिस (Los Angeles) शहर में अमेरिका की मायानगरी हॉलीवुड है जिसके बारे में हम सभी अच्छी तरह जानते हैं। यह शहर सेंट एंड्रियास फॉल्ट (San Andreas Fault) के ऊपर बसा है जोकि भूकम्प के लिहाज से काफी सक्रिय है। हॉलीवुड व भूकम्प के सम्मिश्रण के कारण यह प्रायः चर्चा में रहता है और हम में से कई मुख्य केन्द्रीय भ्रंश (Main Central Thrust) की अपेक्षा इसे ज्यादा अच्छे से जानते होंगे। 1957 में सेंट एंड्रियास फॉल्ट पर 8.0 परिमाण का फोर्ट टेजान (Fort Tejon) भूकम्प आया था जोकि इस फॉल्ट पर अब तक आया सर्वाधिक विनाशकारी भूकम्प है। इस भूकम्प का केन्द्र सेंट एंड्रियास फॉल्ट के ही ऊपर बसे पार्कफील्ड शहर के पास था। इस भूकम्प के बाद पार्कफील्ड में लगातार भूकम्प आते रहे हैं; 1881,1901,1922, 1934 व 1966। 12 वर्षों के औसत अन्तराल पर 1857 से 1966 के बीच पार्कफील्ड शहर में 6.0 या उससे अधिक परिमाण के भूकम्प आये और इनमें से कई भूकम्पों से पहले महसूस किये गये छोटे भूकम्पों में उत्पन्न तरंगों का प्रारूप भी काफी कुछ एक सा ही रहा। एक नियत समय के अन्तराल पर नियमित रूप से भूकम्प से प्रभावित होने के कारण भूकम्प से पहले होने वाले परिवर्तनों के आधार पर भूकम्प के पूर्वानुमान की कोशिश व तद्सम्बन्धित शोध कर रहे वैज्ञानिकों के लिये कैलीफोर्निया प्रान्त यह शहर का आकर्षण का केन्द्र बन कर रह गया। पूर्व के भूकम्पों के विश्लेषण के आधार पर संयुक्त राष्ट्र भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण (यू.एस.जी.एस.) के साथ ही कैलीफोर्निया विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने 1984 में 1985 से 1993 के बीच इस क्षेत्र में भूकम्प आने की 90 से 95 प्रतिशत सम्भावना व्यक्त की गयी। इसके बाद से ही पार्कफील्ड के आस-पास भूकम्प से पहले होने वाले परिवर्तनों का पता लगाने के लिये पृथ्वी की सतह पर और जमीन के नीचे अनेकों प्रकार के परिष्कृत उपकरणों का जाल बिछाया जाने लगा। 2001 तक चले इस प्रयोग को पार्कफील्ड प्रयोग के नाम से जाना जाता है। अब इसे विडम्बना नहीं तो और क्या कहें; 35 साल बीत जाने पर भी इस क्षेत्र में 5.5 या उससे बड़े परिमाण का कोई भूकम्प आया ही नहीं। लम्बे इन्तजार के बाद इस क्षेत्र में 6.0 परिमाण का भूकम्प आया तो 28 सितम्बर, 2004 को; वैज्ञानिकों द्वारा इस अवधि में इस क्षेत्र में भूकम्प की प्रायिकता मात्र 10 प्रतिशत प्रतिशत ही आंकी गयी थी। इस भूकम्प का परिमाण हाँलाकि क्षेत्र में पहले आये भूकम्पों के समान ही था पर इस भूकम्प के आने से पहले ऐसा कोई भी लक्षण पकड़ में नहीं आ पाया जिसका उपयोग भविष्य में भूकम्प के पूर्वानुमान के लिये किया जा सके। भूकम्प कब, कहाँ और कितना बड़ा आयेगा, इससे जुड़ी अनिश्चितताओं के साथ ही भूकम्प आने से पहले दृष्टिगत होने वाले लक्षणों में एकरूपता न होना भूकम्प पूर्वानुमान की सबसे बड़ी बाधा है। |
कहीं धरती न हिल जाये (इस पुस्तक के अन्य अध्यायों को पढ़ने के लिए कृपया आलेख के लिंक पर क्लिक करें) | |
क्रम | अध्याय |
1 | |
2 | |
3 | |
4 | |
5 | |
6 | |
7 | |
8 | |
9 | |
10 | |
11 | |
12 | भूकम्प पूर्वानुमान और हम (Earthquake Forecasting and Public) |
13 | |
14 | |
15 | |
16 | |
17 | |
18 | |
19 | |
20 |