पुस्तकें

चंबा जेल के सामने

Author : विनोद भारद्वाज

साफ-सुथरे सुंदर कमरों की
कतारें
रावी के किनारे देखकर
तुमने कहा
कितनी सुंदर है यह इमारत

तुम नहीं जानती
कि यह एक जेल है
यह बनी है एक ऐसी जगह पर
जहाँ बहुत कम होते हैं अपराध

बहुत थोड़े से पत्तों में
पीपल का नंगा सुंदर पेड़
ठीक बीच में
उम्र कैद झेल रहा है।

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