पुस्तकें

दृश्य और भाव

Author : यतींद्र मिश्र

आकाश
उतना ही नीला
जितना आंखों का उस पर
भरोसा
नीला

सूरज
उतना ही पीला
जितना पुतलियों में
दीप्ति का रंग
पीला

नदी का पानी
उतना ही गीला
जितना तरल होने का संस्कार
पानी को करता गीला।

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