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केमिकल न डाल दें होली के रंग में भंग

Author : नीतू सिंह

रंगों के त्योहार होली पर जमकर धमाल करें, पर कलर में मिले केमिकल से रहें सावधान। दिल्ली के ज्यादातर बड़े बाजारों में मिलने वाले फेस्टिव कलर्स में गाढ़े केमिकल कलर के ऑप्शन में सिर्फ चाइनीज रंग-गुलाल ही मौजूद हैं, जिनमें टॉक्सिक की मात्रा होती है।

सीनियर डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. अनिल गोयल कहते हैं कि आजकल लोकल दुकानदार केमिकल के साथ-साथ डिटरजंट और रेत मिलाकर भी गुलाल तैयार करने लगे हैं, जो कि न सिर्फ स्किन बल्कि आंखों, सांस की नली और बालों के लिए भी खतरनाक साबित हो सकता है। श्रेया आई सेंटर के हेड

डॉ. राकेश गुप्ता कहते हैं कि होली पर ज्यादातर लोग पक्का रंग लगाने में ही विश्वास रखते हैं, कई बार इसके लिए ऐसे रंग भी इस्तेमाल कर लिए जाते हैं जो आंखों के टेंपररी ब्लाइंडनेस का कारण भी बन सकते हैं। इंडियन हार्ट फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. आर. एन. कालरा के मुताबिक, होली खेलते समय रंग को मुंह के अंदर न जाने दें, क्योंकि सिंथेटिक रंगों में मिले मेलासाइट और माइका जैसे केमिकल सांस की नली और हार्ट, किडनी जैसे महत्वपूर्ण अंगों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

रंगों के केमिकल का हेल्थ पर इफेक्ट

रंग

केमिकल

हेल्थ इफेक्ट

 



ब्लैक

लेड ऑक्साइड

किडनी डैमेज, लर्निंग डिसएबिलिटी 

ग्रीन कॉपर सल्फेट आई एलर्जी, टेंपररी ब्लाइंडनेस 

पर्पल क्रोमियम आयोडाइड ब्रोंकियल दमा, एलर्जी 

सिल्वर एल्युमिनियम ब्रोमाइड कैंसर 

ब्लू प्रशियन ब्लू स्किन एलर्जी 

रेड



मर्करी सल्फेट स्किन कैंसर, मेंटल रिटार्डेशन 

होली को सुरक्षित बनाने के लिए अपनाएं ये टिप्स

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