सुपरिचित पर्यावरणविद सुनीता नारायण का कहना है कि जलवायु परिवर्तन पर मॉन्ट्रियल में होने वाले सम्मेलन से भारत जैसे विकासशील देशों के लिए कोई उम्मीद नहीं है.
उनका कहना है कि विकसित देशों ने विकास के ग़लत तरीक़ों से दुनिया के पर्यावरण को चौपट कर दिया लेकिन अब वे भारत और चीन जैसे देशों पर दबाव डालना चाहते हैं कि वे सब कुछ ठीक करें.
'आपकी बात बीबीसी के साथ' कार्यक्रम में श्रोताओं के सवालों के जवाब देते हुए सेंटर फॉर साइंस एंड इनवारनमेंट की निदेशक सुनीता नारायण ने कहा कि पूरी दुनिया को मिलकर विकास की प्रणाली को बदलना होगा.
उन्होंने कहा कि विकसित देशों ने पहले तो विकास की ग़लत प्रणाली अपनाकर दुनिया के पर्यावरण को नुक़सान पहुँचाया और अब भी अमरीका और ऑस्ट्रेलिया जैसे देश इस बात से साफ़ इंकार कर रहे हैं कि वे इसे ठीक करने के लिए कोई क़दम उठाएँगे.
उनका कहना था कि पहले तो बिट्रेन के प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर भी घूम-घूमकर कह रहे थे कि वे अपने यहाँ विकास की प्रणाली को दुरुस्त करने का प्रयास करेंगे लेकिन वे विकास की प्रणाली तो ठीक नहीं कर पाए उल्टे इस साल उन्होंने कहना शुरु कर दिया है कि अमरीका ठीक कह रहा है.