पुस्तकें

मल-व्यवस्था

Author : बल्लभस्वामी

सेंद्रिय खाद-द्रव्य मिलने के आदमी के बस के जरिये हैं- गोबर खाद और सोन-खाद। उनका महत्व और गोबर-खाद बनाने का तरीका-कम्पोस्ट-देखने के बाद, अब सोन-खाद के तरीकों को देखना ठीक होगा। मल-सफाई के लिए हमें जो तरीका अपनाना है, वह ऐसा हो, जिसे कोई भी बिना घृणा के और कम-से-कम मेहनत में कर सके। साथ ही उसकी खाद भी हो। मैले की खाद बनने के लिए और गन्दगी न फैलने के लिए मैले को तुरन्त ही ढँक देना जरूरी होता है। घर में छोटे बच्चे के मैलो को तुरन्त ही ढँकते हुए हम सतत देखते हैं। बिल्ली अपने मैले को तुरन्त ढँकती है। यह जरूरी नहीं है कि मैले को खूब गहरा गाड़ा जाय। विज्ञान कहता है कि जमीन की ऊपरी नौ इंच की सतह में किसी चीज को सड़ाकर खाद-बनानेवाले जन्तु काफी संख्या में होते हैं। जितना हम नीचे जाते हैं, उतने ही वे कम प्रमाण में होते हैं और चार फुट के नीचे करीब-करीब नहीं ही होते। मैल को जितना ऊपर गाड़ा जाय, उतना ही अच्छा है, बशर्ते उसकी बदबू न आये और मक्खियाँ न बैठने पायें। 3-4 इंच से लेकर 8-9 इंच तक की गहराई काफी है।

खुरपी

बाल्टी-पाखाना

बाल्टी-पाखाना

बाल्टी-पाखाना सिस्टम के आधुनिक रूप

ओगर

ओगर

SCROLL FOR NEXT