प्रस्तावना.बरगी की कहानी(इस पुस्तक के अन्य अध्यायों को पढ़ने के लिये कृपया आलेख के लिंक पर क्लिक करें)क्रमअध्याय1बरगी की कहानी पुस्तक की प्रस्तावना2बरगी बाँध की मानवीय कीमत3कौन तय करेगा इस बलिदान की सीमाएँ4सोने के दाँतों को निवाला नहीं5विकास के विनाश का टापू6काली चाय का गणित7हाथ कटाने को तैयार8कैसे कहें यह राष्ट्रीय तीर्थ है9बरगी के गाँवों में आइसीडीएस और मध्यान्ह भोजन - एक विश्लेषण.कहाँ गये चावल गेहूँ, दलहन-तिलहन के दाने ।कागज का रुपया रोया, सुनना पड़ता है ताने।हर सीढ़ी छोटी पड़ती है, भाव चढ़े मनमाने।सबरी कलई उतर गई है, सभी गये पहचाने।कहाँ गये चावल गेहूँ, दलहन-तिलहन के दाने । - बाबा नागार्जुन
प्रस्तावना.बरगी की कहानी(इस पुस्तक के अन्य अध्यायों को पढ़ने के लिये कृपया आलेख के लिंक पर क्लिक करें)क्रमअध्याय1बरगी की कहानी पुस्तक की प्रस्तावना2बरगी बाँध की मानवीय कीमत3कौन तय करेगा इस बलिदान की सीमाएँ4सोने के दाँतों को निवाला नहीं5विकास के विनाश का टापू6काली चाय का गणित7हाथ कटाने को तैयार8कैसे कहें यह राष्ट्रीय तीर्थ है9बरगी के गाँवों में आइसीडीएस और मध्यान्ह भोजन - एक विश्लेषण.कहाँ गये चावल गेहूँ, दलहन-तिलहन के दाने ।कागज का रुपया रोया, सुनना पड़ता है ताने।हर सीढ़ी छोटी पड़ती है, भाव चढ़े मनमाने।सबरी कलई उतर गई है, सभी गये पहचाने।कहाँ गये चावल गेहूँ, दलहन-तिलहन के दाने । - बाबा नागार्जुन