पेयजल

लद्दाख ने 'जल जीवन माह' अभियान की शुरुआत की

इस ब्लॉग में लद्दाख में हुए 'जल जीवन माह' - एक 30 दिवसीय अभियान के बारे में जानकारी प्राप्त करें | In this blog get information about 'Jal Jeevan Maah' - a 30-day campaign held in Ladakh

Author : पीएचईडी, लद्दाख

गांधी जयंती के अवसर पर लद्दाख के लोक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग (पीएचईडी) के आयुक्त/ सचिव श्री अजीत कुमार साहू ने लेह जिले की स्पितुक फरखा पंचायत में 30 दिवसीय अभियान 'जल जीवन माह' का शुभारंभ किया।

आयुक्त ने सामुदायिक स्तर पर बॉटम-अप दृष्टिकोण और सुदृढ़ भागीदारी के साथ कार्यक्रम को आगे बढ़ाने में पीएचईडी और जनप्रतिनिधियों के संयुक्त प्रयासों की सराहना की। "जल जीवन माह" के माध्यम से प्रशासन का उद्देश्य कार्यान्वयन को मजबूत बनाना और जनता के बीच जागरूकता का प्रसार करके जल जीवन मिशन के तहत की गई प्रगति में सुधार करना है।

इस कार्यक्रम में पीएचईडी के सचिव ने जल जीवन मिशन को सही मायनों में जन आंदोलन बनाने के लिए सामुदायिक स्वामित्व के महत्व की बात को दोहराया। उन्होंने शून्य से नीचे तापमान के लिए आवश्यक तकनीकी हस्तक्षेप की आवश्यकता पर जोर दिया। आपूर्ति की गई गुणवत्ता का पता लगाने के लिए बार-बार पानी की गुणवत्ता परीक्षण की आवश्यकता होती है।

जल स्रोतों और जलाशयों को कूड़े और किसी भी प्रकार के संदूषण से मुक्त रखना भी उतना ही आवश्यक है। गांव की कार्य योजना में ग्रेवाटर प्रबंधन को शामिल किया जाना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इसका शोधन, पुनर्नवीनीकरण और पुन: उपयोग किया जा सके।

दीर्घकालिक अस्तित्व बनाए रखने के लिए पानी का विवेकपूर्ण उपयोग महत्वपूर्ण है जिसके लिए समुदाय में सामाजिक और व्यवहारिक परिवर्तन की आवश्यकता होती है। उन्होंने सोशल ऑडिट की आवश्यकता पर जोर दिया ताकि कार्यक्रम का उचित मूल्यांकन किया जा सके। अभियान के दौरान, जल उपयोगकर्ता शुल्क के भुगतान पर विचार-विमर्श करने के लिए एक संवाद आयोजित किया गया था।

इस अभियान का केंद्र 'हर घर जल' गांवों का प्रमाणन करना है। सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले गांवों और हर घर में नल कनेक्शन प्रदान करने में गति से प्रगति करने वालों को विशेष प्रोत्साहन दिया जाता है। यह सुनिश्चित करने के लिए एक विशेष अभियान चलाया गया था कि जेजेएम के तहत विकसित जल आपूर्ति अवसंरचना का उचित रखरखाव किया जा रहा है, जल गुणवत्ता परीक्षण किए जा रहे हैं और जहां भी आवश्यक हो, उपचारात्मक कार्रवाई की जाए।
इस अवसर पर कार्यान्वयन सहायता एजेंसी (आईएसए) की टीम ने जेजेएम के विभिन्न पहलुओं जैसे सामुदायिक साझेदारी, संचालन और रखरखाव (ओ एंड एम) तथा जल प्रबंधन पर एक नुक्कड़ नाटक (स्किट) किया।

जेजेएम के प्रभाव, शिकायत निवारण और सोलर पंप प्रशिक्षण पर कई वीडियो का प्रदर्शन किया गया। इस अवसर पर फील्ड टेस्टिंग किट (एफटीके) पर रिफ्रेशर ट्रेनिंग डेमो भी प्रस्तुत किया गया। इसी तरह जल संरक्षण और जेजेएम की शपथ भी सभी को दिलाई गई।

स्रोत-

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