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पेयजल

जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission) की धीमी प्रगति को लेकर चिंता

संसदीय समिति ने जल जीवन मिशन की धीमी प्रगति और वित्तीय संसाधनों के उपयोग पर चिंता व्यक्त की है। मिशन का लक्ष्य 2024 तक सभी ग्रामीण परिवारों को नल का जल उपलब्ध कराना है, लेकिन कई राज्यों में तकनीकी और प्रशासनिक चुनौतियों के कारण कार्यान्वयन धीमा है।

Author : केसर सिंह

संसदीय स्थाई समिति ने जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission) की धीमी प्रगति को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है। यह मिशन, जिसका उद्देश्य 2024 तक देश के हर ग्रामीण घर में नल से जल पहुंचाना है, अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में पिछड़ता दिख रहा है। समिति ने इस संबंध में कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर ध्यान आकर्षित किया है:

संसदीय समिति की प्रमुख चिंताएं:

  1. लक्ष्यों की प्राप्ति में देरी:

    • जल जीवन मिशन का लक्ष्य 2024 तक सभी ग्रामीण परिवारों को नल के पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करना है, लेकिन कार्यान्वयन की गति धीमी है।

    • अब तक केवल कुछ राज्यों ने ही अपने लक्ष्यों को प्राप्त किया है, जबकि कई राज्य अभी भी पीछे हैं।

  2. वित्तीय संसाधनों का उपयोग:

    • समिति ने पाया कि कई राज्यों द्वारा आवंटित धनराशि का पूर्ण उपयोग नहीं किया जा रहा है।

    • धन के अवरुद्ध होने या देरी से उपयोग होने के कारण परियोजनाओं की गति प्रभावित हो रही है।

  3. तकनीकी और प्रशासनिक चुनौतियां:

    • कई राज्यों में तकनीकी विशेषज्ञता और प्रशासनिक क्षमता की कमी के कारण परियोजनाओं का कार्यान्वयन धीमा है।

    • जल स्रोतों की उपलब्धता और गुणवत्ता भी एक बड़ी चुनौती है।

  4. जल गुणवत्ता प्रबंधन:

    • समिति ने जल की गुणवत्ता की निगरानी और प्रबंधन पर भी चिंता जताई है। कई क्षेत्रों में जल दूषित होने की रिपोर्ट्स सामने आई हैं।

  5. सामुदायिक भागीदारी की कमी:

    • समिति ने सामुदायिक भागीदारी और जागरूकता की कमी को भी एक बड़ी समस्या बताया है। ग्रामीण समुदायों को इस मिशन से जोड़ने की आवश्यकता है।

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