हमारे देश में विभिन्न तराइयाँ तथा कृषि जलवायु क्षेत्र हैं, लघु जल विद्युत विकास सम्बंधी अवसरों तथा क्षेत्रों की भी भरमार है। अतः सिंचाई नहर प्रपातों तथा बाँधों पर स्थित जल विद्युत केन्द्रों से जो अधिकांशतः पहाड़ियों के नीचे तथा मैदानों में हैं, आसानी से सम्पर्क रखा जा सकता है।