सुनीता द्वारा निर्मित गृहकार्य का मॉडल
पूर्व शर्तें:
वड़गांव तेजान की बाहरी वस्ती के अधिकांश घरों में जल निकास व्यवस्था नहीं है। रसोई और स्नानघर का बेकार पानी या तो गलियों में बहता रहता हे या फिर घर के पिछवाड़े में। रसोई में प्रयुक्त पानी का कभी भी दोबारा उपयोग नहीं किया गया।
परिवर्तन की प्रकिया:
वीडबल्यूएससी, एसएसी और डबल्यूडीसी के सफल गठन के बाद 'बुलढाना जिले के जलगांव जमोद तालुका के गांव 'वकाना' में एक भेंट अर्थात दौरा की रूपरेखा बनाई गई। वकाना एक आदर्श गावं है जिसे वर्ष 2003 में खुले में शौच से 100 प्रतिशत मुक्त गांव बताया गया था। वडगांव तेजान की सामाजिक लेखा परीक्षा समिति की सचिव श्रीमती सुनीता टिकाड़े इस दौरें की एक प्रतिभागी थीं और वह वकाना गांव की महिलाओं द्वारा विकसित कम लागत से घरेलू स्तर पर बनाए गए फिल्ट्रेशन मॉडल से अत्यधिक प्रभावित हुईं। दौरे से लौटने के तुरंत बाद सुनीता ने इसे अपने घर में लगवाया।
खनिज पानी की खाली बोतल जिसे 10 सेंमी0 के छोटे से सिलिंडर में बदल दिया गया है और जिसके उपरी भाग को काटकर उसकी पेंदी में 8 से 10 पिनहोल कर दिए गए हैं। इस बोतल में स्वच्छ बालू भर दिया गया है जिसमें मेडीक्लोर की 2 से 3 बूंदे और थोड़ा सी फिटकरी मिला दी गई है। महिलाएं इस मॉडल को घरेलू बर्तनों में पानी डालते समय फिल्टर के रूप में उपयोग कर रही हैं। इस प्रणाली ने पेयजल के शुद्धीकरण को आसान बना दिया है।
समस्याएं एवं उनके उपाय:
रसोई और कपड़े धोने के बाद बेकार पानी अक्सर सड़को पर बहने लगता है। सुनीता और उसके पति ने इस बेकार पानी को पुन: चक्रित करने के लिए आसानी से बनाया जाने वाला और सस्ता सा एक घरेलू मॉउल बनाया। अब किचन गार्डन को भलीभांति पानी मिल जाता है और उनके घरों के सामने वाली सड़क अब बिल्कुल स्वच्छ रहती है।
जलापूर्ति एवं स्वच्छता विभाग, महाराष्ट्र सरकार