मैं लगातार सोच रहा हूं कि जब जापान जनवरी में चीन से लग्जरी जहाज डायमंड प्रिंसेस की वजह से कोरोना से प्रभावित होने वाला पहला देश था, अब तक यह यूरोपीय देशों की तरह स्टेज-4 में चला गया होगा। जब जापान में कोरोनावायरस फैला तो मेरे माता-पिता ने मुझे कुछ महीनों के लिए भारत वापस आने और सब सामान्य होने के बाद वापस जाने को कहा, लेकिन जापान में अब तक सब कुछ सामान्य है। हम रोजाना दफ्तर जा रहे हैं। सभी आवश्यक सेवाएं मिल रही हैं। कोई भी रेस्टोरेंट बंद नहीं है। कोई मॉल बंद नहीं है। मेट्रो ट्रेन सामान्य रूप से चलती है। बुलेट ट्रेन सामान्य रूप से चलती है। सभी अंतरराष्ट्रीय सीमाएं खुली हैं। इसके अलावा जापान में इटली से भी ज्यादा बुजुर्ग हैं। टोक्यो में सबसे ज्यादा विदेशी रहते हैं। बहुत सारे विदेशियों के साथ टोक्यो पर्यटकों के आकर्षण का मुख्य केंद्र है। विदेशियों को अभी भी अंदर आने दिया जाता है। अगर कहीं रोक लगी है तो वह है स्कूल और सार्वजनिक कार्यक्रमों पर।
मैं लॉकडाउन चेन को तोड़ने के बारे में सुन रहा हूं। भारत जैसे घनी आबादी वाले देश में लॉकडाउन क्यों नाकाम है और टोक्यो दुनिया का सबसे घनी आबादी वाला शहर है और इसे कैसे नियंत्रित किया जाता है ? हम हमेशा की तरह सामान्य जीवन जी रहे हैं। जब मैं भारत से अपडेट और समाचार देखता हूं तो केवल डर लगता है।
इस संस्कृति के चलते जापान को लॉकडाउन को रोकने में मदद मिली। इसके लिए बहुत साधना की जरूरत है। यह नियम जापानी संस्कृति का हिस्सा थे। जिस कार्य पूर्णता के साथ अभ्यास करते थे। जापान से कुछ सीखना है।
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