केरल, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए प्रसिद्ध है, इन दिनों एक गंभीर स्वास्थ्य संकट से जूझ रहा है। केरल में हेपेटाइटिस-A के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, जिसने स्वास्थ्य विभाग और आम जनता को चिंता में डाल दिया है। अप्रैल 2025 तक, राज्य में हेपेटाइटिस-A के 3,227 मामले दर्ज किए गए हैं, और इस लिवर की बीमारी से 16 लोगों की मौत हो चुकी है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि दूषित पानी इस बीमारी के प्रसार का प्रमुख कारण है।
केरल के चार जिलों—मलप्पुरम, एर्नाकुलम, कोझिकोड, और त्रिशूर—में सबसे अधिक मामले सामने आए हैं। मलप्पुरम में 4,000 से अधिक मामले और 8 मौतें दर्ज की गई हैं। एर्नाकुलम के वेंगूर पंचायत में अप्रैल 2024 से 200 से अधिक मामले सामने आए, जिनमें एक मौत और चार लोगों की हालत गंभीर है।
2024 में मई तक 1,977 पुष्ट मामले और 12 मौतें दर्ज हुई थीं। 2023 में पूरे साल में केवल 1,073 मामले थे। अप्रैल 2025 तक 3,227 मामलों और 16 मौतों के साथ स्थिति और गंभीर हो गई है।
हेपेटाइटिस-A एक वायरल संक्रमण है, जो हेपेटाइटिस-A वायरस (HAV) के कारण होता है। यह वायरस लिवर को प्रभावित करता है, जिससे लिवर में सूजन (इन्फ्लेमेशन) होती है। यह बीमारी आमतौर पर दूषित पानी या भोजन के सेवन से फैलती है, लेकिन संक्रमित व्यक्ति के निकट संपर्क से भी इसका प्रसार हो सकता है। अन्य हेपेटाइटिस वायरस (जैसे B और C) के विपरीत, यह पुरानी लिवर बीमारी का कारण नहीं बनता, लेकिन इसके लक्षण गंभीर हो सकते हैं और दुर्लभ मामलों में यह जानलेवा साबित हो सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, यह वायरस हर साल दुनिया भर में हजारों लोगों को प्रभावित करता है [3]।
केरल में हेपेटाइटिस-A का प्रकोप कई कारणों से बढ़ रहा है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने निम्नलिखित कारकों को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है:
केरल के कई क्षेत्रों में पाइपलाइनों में रिसाव और अपर्याप्त क्लोरीनेशन के कारण दूषित पानी की आपूर्ति हो रही है। गर्मियों में पानी की कमी के दौरान, केरल वाटर अथॉरिटी द्वारा आपूर्ति किया जाने वाला पानी कई बार अनुपचारित रह जाता है। वेंगूर पंचायत जैसे क्षेत्रों में दूषित पानी को ही बीमारी का प्राथमिक स्रोत माना गया है।
हेपेटाइटिस-A वायरस फीकल-ओरल रूट के माध्यम से फैलता है, जिसमें दूषित पानी प्रमुख वाहक है। जब कोई व्यक्ति हेपेटाइटिस-A से संक्रमित होता है, तो उसका मल वायरस से दूषित होता है। यदि यह मल कुओं, नदियों, या पाइपलाइनों में मिल जाता है, तो पानी दूषित हो जाता है। अपर्याप्त क्लोरीनेशन, पुरानी जल आपूर्ति प्रणालियों में रिसाव, या बारिश के बाद कुओं में मलयुक्त पानी का रिसाव इस समस्या को बढ़ाता है। इस दूषित पानी को पीने या खाना बनाने में उपयोग करने से वायरस शरीर में प्रवेश करता है, जिससे लिवर की बीमारी होती है। केरल में जलवायु परिवर्तन और स्वच्छता की कमी ने इस समस्या को और गंभीर बना दिया है।
अपर्याप्त स्वच्छता, जैसे शौच के बाद हाथ न धोना, हेपेटाइटिस-A के प्रसार को बढ़ावा देता है। यह वायरस मल-मुख मार्ग के माध्यम से फैलता है, यानी संक्रमित व्यक्ति के मल से दूषित पानी या भोजन स्वस्थ व्यक्ति तक पहुंचता है [3]।
केरल में बाहर के खाने और कैटरिंग सेवाओं पर निर्भरता अधिक है। कई रेस्तरां दूषित पानी का उपयोग करते हैं, जिससे वायरस भोजन के माध्यम से फैलता है। कच्चे फल, सब्जियां, और बर्फ भी इस वायरस के वाहक बन सकते हैं।
जलवायु परिवर्तन के कारण बारिश में कमी और तापमान में वृद्धि ने पानी की गुणवत्ता को प्रभावित किया है। बारिश के बाद कुओं में दूषित पानी का रिसाव होने से हेपेटाइटिस-A के मामले बढ़े हैं।
हेपेटाइटिस-A के लक्षण वायरस के संपर्क में आने के 2 से 6 सप्ताह बाद दिखाई देते हैं। ये बच्चों में हल्के, लेकिन वयस्कों में गंभीर हो सकते हैं। निम्नलिखित लक्षणों पर ध्यान दें:
- पीलिया: त्वचा और आंखों का पीला पड़ना।
- गहरे रंग का मूत्र: पेशाब का रंग गहरा भूरा या पीला होना।
- हल्के रंग का मल: मल का रंग सामान्य से हल्का होना।
- थकान और कमजोरी: अत्यधिक थकान और सुस्ती।
- भूख न लगना: खाने की इच्छा में कमी और वजन घटना।
- पेट में दर्द: दाहिनी ओर, जहां लिवर होता है।
- जी मिचलाना और उल्टी: बार-बार मितली और उल्टी।
- बुखार: हल्का या तेज बुखार।
- दस्त: कुछ मामलों में दस्त।
गंभीर मामलों में, यह लिवर की बीमारी एक्यूट लिवर फेल्योर का कारण बन सकती है, जो जानलेवा हो सकता है।
डॉ. राजीव जयदेवन, गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट, कहते हैं, "स्वच्छता और दूषित पानी से बचाव हेपेटाइटिस-A को रोकने के लिए महत्वपूर्ण है। यह वायरस मल के माध्यम से फैलता है।"
डॉ. पीयूष रंजन, सर गंगाराम अस्पताल, दिल्ली, सलाह देते हैं, "पानी उबालें, स्ट्रीट फूड से बचें, और हेपेटाइटिस-A का टीका लें।"
केरल में हेपेटाइटिस-A का प्रकोप स्वच्छता और सुरक्षित पेयजल की कमी की गंभीर चेतावनी है। यह लिवर की बीमारी गंभीर जटिलताओं और मृत्यु का कारण बन रही है। स्वच्छ जलापूर्ति अब अनिवार्य हो गई है।
संदर्भ -
1. "Kerala in the grip of Hepatitis A: 3,227 confirmed cases, 16 dead." Organiser, 2025. [https://organiser.org]
2. "Hepatitis A: Fact Sheet." World Health Organization (WHO). [https://www.who.int/news-room/fact-sheets/detail/hepatitis-a]
3. "Hepatitis A." Centers for Disease Control and Prevention (CDC). [https://www.cdc.gov/hepatitis/hav/index.htm]
4. "Hepatitis A Outbreak In Kerala: Over 200 Cases Reported In Ernakulam." OnlyMyHealth, 2024. [https://www.onlymyhealth.com]
5. "Inside the storm: How soaring hepatitis A rates are affecting Kerala." Gavi, The Vaccine Alliance. [https://www.gavi.org]
6. "Hepatitis A outbreak in Kerala: What are symptoms and why do you need to take the vaccine?" The Indian Express, 2024. [https://www.indianexpress.com]
7. "Hepatitis A outbreaks bring back focus on vaccination in Kerala." The Hindu, 2024. [https://www.thehindu.com]
8. "Hepatitis A Outbreak: The Growing Jaundice Threat in Kerala." MedIndia, 2024. [https://www.medindia.net]