लॉकडाउन में जहां लोग अपने घरों में हैं, वहीं देहरादून नगर निगम के सफाई कर्मचारी शहर को साफ सुथरा करके कोरोना वायरस के खतरे को कम करने में जुटे हैं। ये सफाई कर्मचारी जनता के लिए खुद की परवाह किए बगैर मुस्तैद होकर ड्यूटी कर रहे हैं। कोरोना वायरस को मात देने के लिए ये ‘सफाई के सिपाही' सच्ची सेवा कर रहे हैं। एक तरह से सीधी जंग लड़ रहे हैं। सुबह-शाम सड़क, नाली और कूड़ेदान साफ करने वाले इन सफाई कर्मियों के जज्बे को शहरवासी सलाम कर रहे हैं।
कोरोना वायरस के बीच जोखिम लेते हुए नगर निगम के सफाई कर्मचारी अपने काम को अंजाम दे रहे हैं। नगर निगम के करीब दो हजार स्थायी और अस्थायी शहर में सफाई अभियान और सेनेटाइजर के छिड़काव में लगे हैं। कर्मचारियों के साथ-साथ अधिकारी भी अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं। अफसर भी निरीक्षक कर इसकी रिपोर्ट बना रहे हैं। नगर निगम के करीब 60 सफाई सुपरवाइजरों की नेतृत्व में कर्मचारी काम में जुटे हैं। बड़े अफसरों के अलावा इनकी निगरानी के लिए 12 सफाई इंस्पेक्टर भी लगाए गए हैं। कर्मचारी रोजाना सुबह सड़कों और नालियों की सफाई कर रहे हैं। गाड़ी में रखी तीन बड़ी स्प्रे मशीनों का इस्तेमाल सेनेटाइजर के छिड़काव के लिए हो रहे हैं। इसमें एक मशीन एक हजार लीटर और दो मशीनें पांच सौ-पांच सौ लीटर की हैं। इसके अलावा 60 छोटी स्प्रे मशीन कंधे में रखकर कर्मचारी छिड़काव के काम में जुटे हैं। सड़कों के अलावा अस्पताल, मेडिकल स्टोर, सार्वजनिक स्थलों को भी सेनेटाइज किया जा रहा है। मेयर सुनील उनियाल गामा कहते हैं कि कोरोना के खतरे को काम करने के लिए युद्धस्तर पर सफाई अभियान चल रहा है। सफाई कर्मचारियों को पर्याप्त मास्क, दस्ताने जैसी सुरक्षा सामग्री उपलब्ध कराई गई है। लोग अपने स्तर पर भी सफाई का ख्याल रखें और उन्हें चाय-पानी उपलब्ध कराएं।
घर-घर से कूड़ा उठान के लिए कंपनी के करीब 300 कर्मचारी भी लगे हैं। यह भी शहर को साफ करने में अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। रोजाना कंपनी की गाड़ियां मोहल्ले में घर-घर से कूड़ा उठा रही है। फिर इसे कारगी रोड स्थित ट्रांसफर स्टेशन में जमा किया जाता है। यहां से बड़ी गाड़ियों में शीशमबाड़ा प्लांट भेजा जाता है। इन दिनों नगर निगम ढाई सौ मिट्रिक टन कूड़ा रोजाना उठा रहा है।