स्वास्थ्य और स्वच्छता

स्वच्छ भारत दिवस 2 अक्टूबर 2022

इस ब्लॉग जानिए भारत में स्वच्छता दिवस कब मनाया जाता है और इसका क्या महत्व है | Know when Swachh Bharat Day is celebrated in India and what is its significance

Author : राष्ट्रीय जलजीवन मिशन

2 अक्टूबर, 2022 को, जल शक्ति मंत्रालय के पेयजल और स्वच्छता विभाग (डीडीडब्ल्यूएस) ने विज्ञान भवन, नई दिल्ली में स्वच्छ भारत दिवस (एसबीडी) मनाया। स्वच्छ भारत दिवस हर साल राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। स्वच्छ भारत दिवस बापू के उद्धरणों में से एक 'स्वच्छता अगली शक्ति है' से प्रेरित है। यह विभाग, केंद्र सरकार के दो अग्रगामी कार्यक्रमों अर्थात् स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण (एसबीएम-जी) और जल जीवन मिशन (जेजेएम) को क्रियान्वित कर रहा है। एसबीएम- जी को 2 अक्टूबर, 2014 को शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य सार्वभौमिक स्वच्छता कवरेज प्राप्त करने के प्रयासों में तेजी लाकर खुले में शौच को समाप्त करना था। इस मिशन के तहत, सभी गांवों, ग्राम पंचायतों, जिलों, राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों (यूटी) ने इसके शुभारंभ की तारीख से 5 साल बाद 2 अक्टूबर 2019 को खुद को खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) घोषित किया। इसके बाद, यह सुनिश्चित करने के लिए कि खुले में शौच मुक्त व्यवहार बना रहे, और ठोस और तरल कचरा प्रबंधन सुविधाएं सुलभ हों, मिशन एसबीएम-जी के चरण-II यानी ओडीएफ प्लसः गतिविधियों की ओर अग्रसर हुआ।

भारत की माननीया राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई और ओडीएफ प्लस और हर घर जल की गति को तेज करने के लिए राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के प्रयासों को प्रोत्साहित किया। विभिन्न श्रेणियों के तहत एसबीएम-जी और जेजेएम दोनों के पुरस्कार विजेताओं को राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किया गया। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री (एमओजेएस) श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत के साथ ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री, श्री गिरिराज सिंह, जल शक्ति और जनजातीय कार्य राज्य मंत्री, श्री बिश्वेश्वर टुडू और जल शक्ति एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री, श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने भी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को पुरस्कार प्रदान किए। जल शक्ति मंत्री ने माननीया राष्ट्रपति को स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण (एसएसजी) 2022 और जेजेएम कार्यात्मकता आकलन 2022 रिपोर्ट की पहली प्रतियां प्रस्तुत की।

इस कार्यक्रम में राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के गणमान्य व्यक्तियों, अर्थात् मंत्रियों, वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों, केंद्र सरकार के अधिकारियों, विकास भागीदारों और इस क्षेत्र के विशेषज्ञों ने भाग लिया।

इस अवसर पर संबोधित करते हुए, माननीया राष्ट्रपति ने गांधीजी को श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि सत्य और अहिंसा के बारे में बापू के विचारों के साथ ही स्वच्छता के लिए उनका संकल्प शाश्वत है और कहा कि उनके जन्मदिन को 'स्वच्छ भारत दिवस' के रूप में मनाना उनके लिए एक सच्ची श्रद्धांजलि है। सदियों से स्वच्छता भारतीय संस्कृति और जीवन शैली का अभिन्न अंग रही है। एसबीएम-जी के शुभारंभ के बाद से, 11 करोड़ से अधिक शौचालयों का निर्माण किया गया है और लगभग 60 करोड़ लोगों ने खुले में शौच की अपनी आदत को बदला है। उन्होंने यह भी कहा कि इस मिशन के माध्यम से भारत ने संयुक्त राष्ट्र द्वारा 2015 में निर्धारित सतत विकास लक्ष्य 6.2 (एसडीजी- 6.2) को 2030 की अंतिम समय सीमा से पहले ही हासिल कर लिया है।

जलजीवन मिशन के बारे में बताते हुए, उन्होंने कहा कि 2019 में मिशन की घोषणा के समय, देश में केवल 3.23 करोड़ ग्रामीण परिवारों में नल के पानी के कनेक्शन की व्यवस्था थी जो अब पिछले 3 वर्षों में बढ़कर 10.27 करोड़ हो गए हैं।

घरों में जलापूर्ति की सुविधा से जलजनित रोगों में उल्लेखनीय कमी आई है। उन्होंने आगे कहा कि हमें विकासशील देशों के लिए जल प्रबंधन और स्वच्छता के क्षेत्र में एक उदाहरण स्थापित करना चाहिए।

माननीया राष्ट्रपति ने कहा कि आज स्वतंत्रता के 75 वर्ष बाद हम अमृत-काल में प्रवेश कर चुके हैं, इसलिए हमारा संकल्प एक स्वस्थ, स्वच्छ और आत्मनिर्भर भारत का निर्माण होना चाहिए। इस लक्ष्य को प्राप्त करने में हमें बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा क्योंकि इतनी बड़ी आबादी को बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने के लिए आधुनिक तकनीक और प्रचुर संसाधनों की आवश्यकता होगी। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि हम अपने राजनीतिक नेतृत्व, वैज्ञानिकों, डॉक्टरों, इंजीनियरों, शिक्षकों और सभी जागरूक नागरिकों के संयुक्त प्रयासों से भारत को एक विकसित और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने में सफल होंगे।

केंद्रीय मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने अपने संबोधन में कहा कि गांधीजी ने आजादी से ज्यादा स्वच्छता और सफाई को प्राथमिकता दी है और उनकी जन्मतिथि को स्वच्छ भारत दिवस के रूप में मनाना सही मायने में उन्हें श्रद्धांजलि है। स्वच्छ भारत मिशन सिर्फ एक सरकारी कार्यक्रम से आगे बढ़कर एक जन आंदोलन में परिवर्तित हो गया, जिसने ग्रामीण भारत के स्वच्छता परिवेश को पूरी तरह से बदल दिया है। जल शक्ति मंत्री ने लोगों को स्वच्छता ही सेवा (एसएचएस) 2022 पखवाड़ा अभियान में उनकी भागीदारी और 'श्रमदान' के लिए धन्यवाद दिया और एसएचएस 2022 में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्यों को बधाई दी।

जल जीवन मिशन (जेजेएम) के संबंध में उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य केवल नल का पानी उपलब्ध कराना ही नहीं अपितु नियमित आधार पर उचित गुणवत्ता और निर्धारित मात्रा सुनिश्चित करना भी है। राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के प्रयासों की सराहना करते हुए, उन्होंने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह को पहला स्वच्छ और सुजल संघ राज्य क्षेत्र बनने के लिए बधाई दी, यानी इस संघ राज्य क्षेत्र के सभी गांव अब 'हर घर जल' प्रमाणित और ओडीएफ प्लस सत्यापित हैं।

उन्होंने सभी पुरस्कार विजेताओं को बधाई दी और कहा कि भारत का जल और स्वच्छता इतिहास उनके योगदान को हमेशा याद रखेगा और वे अन्य राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के लिए आदर्श और प्रेरणा स्रोत होंगे। उन्होंने किसी भी कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए प्रधानमंत्री की राजनीतिक इच्छाशक्ति, सार्वजनिक वित्तपोषण, लोगों की भागीदारी और सहभागिता के 4 पीएस मंत्र" को दोहराया।

इस अवसर पर उपस्थित केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री श्री गिरिराज सिंह ने कहा कि महात्मा गांधी के सपने को साकार करने के लिए सरकार ने स्वच्छ भारत मिशन, उज्ज्वला योजना और जल जीवन मिशन जैसी विभिन्न योजनाएं शुरू की हैं, जिनसे अनेक ग्रामीण लोगों को फायदा हुआ है और साथ ही ये जन भागीदारी के साथ जन आंदोलन बन गई हैं।

जल शक्ति और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने अपने भाषण में लोगों से स्वच्छता को अपने जीवन का संकल्प और लक्ष्य बनाने का आह्वान किया। उन्होंने पानी के विवेकपूर्ण उपयोग और ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रेवाटर प्रबंधन के महत्व पर भी जोर दिया।
जल शक्ति और जनजातीय कार्य राज्य मंत्री श्री बिश्वेश्वर टुडू ने अपने संबोधन में विभिन्न सरकारी कार्यक्रमों के तहत किए जा रहे अच्छे कार्यों की सराहना की। उन्होंने जोर देकर कहा कि कल्याणकारी योजनाओं को सफल बनाने के लिए सामुदायिक भागीदारी और विभिन्न हितधारकों के बीच बेहतर समन्वय महत्वपूर्ण है।

माननीया राष्ट्रपति ने बड़े राज्यों की श्रेणी के तहत तेलंगाना, हरियाणा और तमिलनाडु को स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण 2022; छोटे राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों की श्रेणी के तहत अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, दादरा और नगर हवेली और दमन एवं दीव तथा सिक्किम को उसी क्रम में और भिवानी (हरियाणा) को समग्र 'सर्वोत्तम प्रदर्शन करने वाले जिले के रूप में पुरस्कार प्रदान किए।

इसके बाद राष्ट्रपति ने जल जीवन मिशन कार्यात्मकता मूल्यांकन के लिए पुरस्कार प्रदान किए। 60% से अधिक नल जल कवरेज श्रेणी में, पुडुचेरी और गोवा को सम्मानित किया गया; 60% से कम नल जल कवरेज श्रेणी में तमिलनाडु और मेघालय ने पहला और दसरा स्थान हासिल किया। श्रीमती मुर्मू ने मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले को देश में पहला 'हर घर जल' प्रमाणित जिला होने के लिए एक विशेष पुरस्कार भी दिया, जहां सभी गांवों ने ग्राम सभाओं के माध्यम से खुद को 'हर घर जल' घोषित किया था।

स्वच्छ भारत-ग्रामीण और जल जीवन मिशन दोनों के लिए विभिन्न श्रेणियों के तहत शेष पुरस्कार जल शक्ति मंत्री के साथ राज्य मंत्री द्वारा प्रदान किए गए। कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण (एसएसजी) 2023 और जल जीवन सर्वेक्षण (जेजेएस) 2023 की घोषणा की। विभाग ने दो अन्य अभियान अर्थात बेहतर मल-गाद प्रबंधन के लिए परिवारों में ट्विन पिट्स वाले शौचालयों को बढ़ावा देने के लिए 'ट्विन पिट अभियान' और स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल के महत्व पर जागरूकता लाने और ग्रामीण परिवारों में जल आपूर्ति की गुणवत्ता की निगरानी में मदद करने के लिए जल गुणवत्ता संबंधी अभियान 'स्वच्छ जल से सुरक्षा' - भी शुरू किए।

इसका उद्देश्य एसबीएम-जी चरण-11 के प्रमुख मात्रात्मक और गुणात्मक मापदंडों के संबंध में प्राप्त उनके प्रदर्शन के आधार पर राज्यों और जिलों की रैंकिग करना है। सर्वेक्षण में 33 राज्यों संघ राज्य क्षेत्रों (चंडीगढ़, दिल्ली और लक्षद्वीप के 3 संघ राज्य क्षेत्रों को छोड़कर) के 709 जिलों के 17,559 गांवों को शामिल किया गया। एसबीएम (जी) से संबंधित गतिविधियों पर प्रतिक्रिया के लिए 1.75 लाख से अधिक परिवारों का साक्षात्कार लिया गया।

जिन राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों ने अधिकतम संख्या में गतिविधियों का आयोजन किया और सार्वजनिक स्थानों और संस्थागत भवनों, विरासत के अपशिष्ट स्थलों आदि में किए गए श्रमदान और की गई सफाई गतिविधियों, जल निकायों के आसपास बुवृक्षारोपण में जन भागीदारी, 'एकल' उपयोग प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने के लिए प्रस्ताव पारित करने वाली ग्राम पंचायतों, ओडीएफ प्लस तत्वों पर सरपंच संवाद में सरपंचों की भागीदारी, जागरूकता गतिविधियों में लोगों की भागीदारी, कचरा संग्रह और पृथक्करण शेड का निर्माण और अन्य एसएचएस गतिविधियों में लोगों की भागीदारी की सूचना दी उन्हें विजेताओं के रूप में चुना गया।

जेजेएम के तहत, राज्यों संघ राज्य क्षेत्रों में विभिन्न स्थानीय जल उपयोगिताओं के प्रदर्शन का आकलन करने के लिए, परिवारों को जल सेवा वितरण की स्थिति का आकलन करने हेतु हर साल एक कार्यात्मक मूल्यांकन कवायद की जाती है। नल के पानी के कनेक्शन को कार्यात्मक के रूप में संदर्भित किया जाता है यदि यह 3 बुनियादी मानकों को पूरा करता है 

यानी (1) पर्याप्त पानी @55 एलपीसीडी या अधिक की आपूर्ति; 
(ii) पीने योग्य पानी निर्धारित गुणवत्ता (बीआईएस: 10500) की आपूर्ति; 
(iii) नियमित आधार पर, अर्थात दैनिक आधार पर या संबंधित राज्य सरकार द्वारा निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार पानी की आपूर्ति। 

यादृच्छिक रूप से चुने गए 13,299 नमूना गांवों में 3.01 लाख परिवारों और ग्राम स्तर की 22.596 संस्थाओं को कवर करते हुए 712 जिलों में सभी 33 राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के लिए कार्यात्मक मूल्यांकन कवायद का आयोजन किया गया।

हर घर जल राज्य/संघ राज्य क्षेत्र और जिले शत-प्रतिशत पारिवारिक नल जल कनेक्शन वाले गांवों, ग्राम पंचायतों, जिलों और राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को हर घर जल के रूप में प्रमाणित करने के लिए एक अभियान चलाया गया। ऐसे 31 जिलों को पुरस्कार दिए गए जिन्होंने अपने सभी गांवों को 'हर घर जल' के रूप में प्रमाणित किया था, यानी सभी गांवों के लोगों ने ग्राम सभा द्वारा पारित एक प्रस्ताव के माध्यम से अपने गांव को यह प्रमाणित करते हुए कि सभी परिवारों में गांवों में नल के माध्यम से सुरक्षित पेयजल की पहुंचा है, यह सुनिश्चित करते हुए कि 'कोई भी वंचित नहीं' 'हर घर जल' घोषित किया है। मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले को देश का पहला 'हर घर जल' प्रमाणित जिला होने के लिए एक विशेष पुरस्कार दिया गया है।

ग्रामीण क्षेत्रों में ठोस और तरल कचरा प्रबंधन चुनौतियों के लिए स्थायी, किफायती, स्केलेबल और उत्तरदायी समाधान में सहायक प्रौद्योगिकियों को अपनाने (स्काउट) के लिए शुरू किया गया था। क्राउडसोर्सिंग चैलेंज का 10 सितंबर, 2021 को शुभारंभ किया गया और शुभारंभ के । महीने बाद तक इसे डीडीडब्ल्यूएस वेबसाइट पर लाइव होस्ट किया गया। कुल 372 आवेदकों ने पंजीकरण कराया था, जिनमें से 62 आवेदनों का चयन किया गया।

सुजलाम एक 100-दिवसीय अभियान था, जिसे गंदले जल का न्यूनतम ठहराव सुनिश्चित करने और गांव के तालाच में इसे बहाने की जांच करने के लिए सोख गड्ढों, लीच पिट्स और मैजिक पिट्स के माध्यम से ग्रेवाटर का प्रबंधन करने के लिए शुरू किया गया था। राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को अभियानों के दौरान बनाए गए घरेलू और सामुदायिक सोख्ता गड्ढों की संख्या राष्ट्रीय पोर्टल पर देनी थी। कुल 23.04 लाख गड्ढों का निर्माण किया गया और सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्यों को सम्मानित किया गया।

ओडीएफ प्लस के विभिन्न घटकों पर ग्राम पंचायत स्तर पर फिल्म निर्माण के लिए 15 दिसंबर, 2021 से 15 मई, 2022 तक राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता आयोजित की गई। राज्यों द्वारा 33 फिल्मों की सिफारिश की गई। 3 अलग-अलग श्रेणियों यानी पहाड़ी क्षेत्रों, द्वीपों और संघ राज्य क्षेत्रों तथा राज्यों में पुरस्कार दिए गए।

ग्रामीण क्षेत्रों में ओडीएफ प्लस विषयों पर वॉल पेंटिंग पर 15 अगस्त 2021 से 15 अक्टूबर 2021 तक एक प्रतियोगिता आयोजित की गई।

5 विषयों (बायो-डिग्रेडेबल वेस्ट मैनेजमेंट (बीडब्ल्यूएम), गोबरधन, प्लास्टिक कचरा प्रबंधन (पीडब्लूएम), ग्रेवाटर मैनेजमेंट (जीडब्ल्यूएम) और मल गाद प्रबंधन (एफएसएम) में प्रत्येक 6 क्षेत्रों (उत्तरी क्षेत्र, पूर्वोत्तर क्षेत्र, मध्य क्षेत्र, पूर्व क्षेत्र, पश्चिम क्षेत्र और दक्षिण क्षेत्र) से प्रत्येक के लिए 3 सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्यों को सम्मानित किया गया।

स्रोत -जल जीवन संवाद । अंक 25।अक्टूबर 2022

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