कुछ वर्षों पूर्व तक इस बात की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी कि टूथपेस्ट और एटम बम में इतना नजदीकी संबंध हो सकता है। लेकिन पिछली आधी शताब्दी के संघर्ष ने एक बार पुनः सिद्ध कर दिया है कि मानव विनाश के लिए निर्मित पदार्थों का कितनी चतुराई से हमारे दैनिक जीवन में इस्तेमाल किया जा रहा है। अगर अमेरिकी जैसे तकनीक प्रशिक्षित और विज्ञान को लेकर जागरूक कहे जाने वाले समाज के साथ वहां की निर्माता कंपनियां इतना खतरनाक खेल, खेल सकती हैं तो वे भारत या एशिया एवं अफ्रीका के तीसरी दुनिया के देशों के साथ वैसा व्यवहार कर रही होंगी। परमाणु तकनीक की अमानवीयता को उजागर करता महत्वपूर्ण आलेख।