वर्ष 2007 से 2018 के बीच उत्तराखंड में 3628 भूकंप आए हैं। 
रिसर्च

बड़ा भूंकप आने का संकेत दे रही उत्तराखंड की धरती

Author : इंडिया वाटर पोर्टल

उत्तराखंड की धरती भविष्य में बेहद बड़े (आठ रिक्टर स्केल) भूंकप का संकेत दे रही है। यहां पिछले 11 सालों में आए भूकंपों से महज पांच फीसद ही ऊर्जा बाहर निकल पाई है, जबकि 95 फीसद अभी भी भूगर्भ में जमा है। यह बात वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान के वैज्ञानिकों ने साल 2007 से 2018 के बीच आए भूकंपों के अध्ययन के बाद कही है। संस्थान में गुरुवार को शुरू हुई नेशनल जियो-रिसर्च स्काॅलर्स मीट में इस ताजातरीन अध्ययन को साझा भी किया गया। 

‘एनालिसिस आफ सिस्मोसिटी इन दि सेंट्रल सिस्मिक गैप इन दि हिमालय’ नामक शोध पत्र को प्रस्तुत करते हुए रिसर्च  स्काॅलर अनिल तिवारी ने बताया कि वर्ष 2007 से 2018 के बीच उत्तराखंड में 3628 भूकंप आए हैं। यह भूकंप पांच से 50 किलोमीटर तक की गहराई में आए थे। एक सामानय भूकंप में 150 से 200 बार भूकंपनीय ऊर्जा मापन की इकाई तक की ऊर्जा बाहर निकलती है, जबकि अध्ययन में देखा गया है कि इन भूकंपों में दस बार के बराबर ही ऊर्जा बाहर निकली है। अधिकांश भूकंपनीय ऊर्जा का बाहर न निकल पाना इसलिए भी चिंता की बात है कि हिमालयी क्षेत्र के भूगर्भ में निरंतर हलचल मच रही है और ऊर्जा बन रही है। इस तरह देखें तो इस पूरे इलाके में बेहद बड़े भूकंप की आशंका लगातार बन रही है।

उत्तराखंड में 11 साल में आए भूकंप

वर्ष         संख्या

2007        94

2008        352

2009        340

2010        392

2011        311

2012        211

2013        177

2014        274

2015        386

2016        461

2017        491

2018        139

कुल        3628

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