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रिसर्च

एक जल-ग्रहण क्षेत्र का मैदानी अध्ययन

Author : admin

पोंधे जल-ग्रहण क्षेत्र, पुरंदर तालुका, जिला पुणे, महाराष्ट्र का मैदानी अध्ययन

द्वारा रैपिड हाईड्रोलॉजिकल मेपिंग पर आधारित अध्ययन

भारत वर्ष में अनेक विशाल क्षेत्र कठोर चट्टानों से आच्छादित हैं। ये चट्टान बहुत: आग्नेय एवं कायान्तरित मूल के हैं। देश के अनेक बंजर एवं अर्ध-बंजर क्षेत्रों में जल आपूर्ति ऐसी ही चट्टानों में संग्रहित भू-जल से होती है। यह कथन विशेषकर उन विशाल ग्रामीण क्षेत्रों के लिए सत्य है, जो कृषि एवं घरेलू उपयोग हेतु इस प्रकार के चट्टानों में संग्रहित भू-जल का दोहन करते हैं।

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इस दिशा में पहला कदम है कि जल संसाधनों के नियोजन हेतु वैचारिक ढांचा विकसित किया जावे। ऐसा करते समय मोटे मापदण्ड़ों पर आधारित अंगूठा-छाप योजना न बनाकर, स्थानीय परिस्थितियों को दृष्टिगत रखना होगा। GGP ऐसी ही रणनीति महाराष्ट्र के पुणे जिले के पुरंदर तालुका के पूर्वी भाग में लगभग 10-15 ग्रामों के एक समूह के लिए तैयार कर रहा है। इसमें परियोजना क्षेत्र में प्राकृतिक संसाधनों का प्रबंधन इन संसाधनों की निरंतरता सुनिश्चित करने की दृष्टि से परिकल्पित किया गया है। जल-ग्रहण क्षेत्र की विकास से भी आगे बढ़तेहुए, न्यायसंगत और निष्पक्ष ढंग से यह जल संसाधन के प्रबंधन में संतुलन प्राप्त करने का प्रयास करता है।

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