नदी और तालाब

मौत की नदी बनती जा रही हैं सुसवा नदी

मीनाक्षी अरोड़ा, देव

देहरादून की बारिश से सुसवा हो रही काली, किसानों के लिए मुसीबत बन रहा सुसवा नदी का पानी !  नदियों को जीवनदायिनी माना जाता है, पर यही नदी जब आमजन के लिए मुसीबत बन जाये,और तरह- तरह की बीमारियों को वजह बन जाये और जिसकी वजह से किसानों और पशुओं को भी मौत से जूझना पड़े, तो इसे मौत की नदी कहना गलत नही होगा लेकिन इसकी जिम्मेदार ये नदी खुद नहीं बल्कि वो इंसान हैं जो इसके आस पास  रहते हैं।   
देहरादून से निकलने वाली सुसवा नदी बेहद प्रदूषित हो चुकी हैं  यह नदी वर्षों पहले सैकड़ों गांव को पेय जल उपलब्ध कराती थी, वहीं अब इस नदी के पास खड़ा होना भी दूभर हो गया है। क्यूंकि जैसे ही देहरादून शहर में हल्की सी बारिश होती है, तो सुसवा नदी पूरी तरह काली हो जाती है, क्योंकि शहर की सभी सीवर लाइनों का पानी इस नदी में समा जाता हैं है, जिससे इस नदी में आने वाला पानी बदबूदार होता है, जबकि इसी पानी से डोईवाला के किसान सिंचाई करते हैं, जिससे किसानों को चर्म रोग जैसी बीमारियों से जूझना पड़ रहा है। इसके अलावा यह नदी राजाजी नेशनल पार्क से भी सटी हुई है, ओर जंगली जानवर भी इस नदी के पानी को पीते हैं, ऐसे में इन जानवरों के जीवन पर भी खतरा मंडरा रहा है। एक्सपर्ट की माने तो इस नदी के पानी को सिंचाई के लिए इस्तेमाल करने पर चर्म रोग व केंसर जैसी भयंकर बीमारियों के पनपने का भय रहता है। जो कि आमजन के लिए पूरी तरह घातक है। वही डोईवाला के किसान दरपान बोरा लगातार इस नदी को स्वच्छ बनाए जाने की मांग करते आ रहे हैं, लेकिन वर्षो बीत जाने के बावजूद भी अभी तक सरकार इस नदी पर ट्रीटमेंट प्लांट या इसकी सफाई कराने को तैयार नहीं है  जिससे किसानों में भारी आक्रोश है।
 

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