मानव भूगोल की एक प्रमुख शाखा जिसमें भूतल पर मानवीय आर्थिक क्रियाओं में एक स्थान से दूसरे स्थान पर पायी जाने वाली विभिन्नता का अध्ययन किया जाता है। दूसरे शब्दों में,इसके अंतर्गत विभिन्न प्रकार की आर्थिक क्रियाओं के वितरण प्रतिरूपों तथा उन कारकों एवं प्रक्रमों का अध्ययन किया जाता है जो भूतल पर इन प्रतिरूपों के क्षेत्रीय विभेदशीलता को प्रभावित करते हैं। आर्थिक भूगोल में मृदा, जल, जैव तत्त्व, खनिज, ऊर्जा आदि प्राकृतिक संसाधनों; आखेट, मत्स्य पालन, पशुपालन, वनोद्योग, कृषि, विनिर्माण उद्योग, परिवहन,संचार, व्यापार, वाणिज्य आदि आर्थिक क्रियाओं तथा अन्य आर्थिक पक्षों एवं संगठनों के अध्ययनों को सम्मिलित किया जाता है।
भूगोल का वह पक्ष जिसमें आर्थिक वितरण के प्रतिमानों तथा उन कारकों एवं प्रक्रमों का अध्ययन किया जाता है, जो भूपृष्ठ पर इन प्रतिमानों के क्षेत्रीय विभेदन (areal differentiation) को प्रभावित करते हैं। कभी-कभी यह वाणिज्य भूगोल का समानार्थक भी माना जाता है।